
राजस्थान विधानसभा भवन। फोटो पत्रिका
Rajasthan Vidhan Sabha Monsoon Session : राजस्थान विधानसभा का मानसून सत्र खत्म हो चुका है। इस सत्र में ज्यादतार विधायक आए तो सही, लेकिन सात विधायक ऐसे हैं, जिन्होंने सदन की कार्यवाही में एक बार भी हिस्सा नहीं लिया। वहीं, एक निर्दलीय विधायक ऋतु बानावत मात्र एक दिन ही सदन में आई। इसी तरह गोविन्द सिंह डोटासरा और विधानसभा अध्यक्ष के बीच पिछले सत्र में जो विवाद हुआ था, उसका असर इस सत्र में भी दिखा।
डोटासरा ने सदन में प्रश्न भी लगाए और बिलों में चर्चा के लिए हिस्सा लेने के लिए संशोधन प्रस्ताव भी दिए, लेकिन वो सदन में आए नहीं। प्रश्नकाल में तो उनके प्रश्न दूसरे विधायकों ने पूछ लिए, लेकिन विधायी कार्य में चर्चा के लिए विधायक को खुद मौजूद रखना होता है। इसी तरह भाजपा विधायक सिद्धि कुमारी, जगत सिंह, अनिता भदेल, दीप्ति किरण माहेश्वरी भी सदन में नहीं आए।
प्रदेश के दो पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और वसुंधरा राजे सदन में एक बार भी नहीं आए। एक-एक दिन के लिए विधानसभा परिसर में जरूर दोनों नजर तो आए, लेकिन कार्यवाही में शामिल नहीं हुए। गौर करने वाली बात यह है कि दोनों जब आए उस समय सदन चल रहा था।
भाजपा विधायक दीप्ति किरण माहेश्वरी ही ऐसी थीं, जिन्होंने सदन में नहीं आने की सूचना अध्यक्ष को भेजी। सदन में जानकारी भी दी गई लेकिन अन्य किसी विधायक ने कोई आधिकारिक सूचना नहीं दी। भाजपा विधायक अनिता भवेल के पति लम्बे समय से बीमार हैं और जयपुर में ही भर्ती हैं। वहीं, जगत सिंह और सिद्धि कुमारी बजट सत्र के दौरान भी सदन में ज्यादा नहीं दिखे थे।
मानसून सत्र में हंगामा इतना ज्यादा हुआ कि ज्यादातर विधायकों को बोलने का मौका ही नहीं मिला। विधानसभा सचिवालय के एक अधिकारी के मुताबिक सही डेटा निकालने में तो समय लगेगा, लेकिन अभी तक की जो जानकारी मिली है। उसके मुताबिक 125 से ज्यादा विधायक ऐसे थे, जिन्हें एक बार भी सवन में बोलने का मौका नहीं मिला।
भाजपा 118
कांग्रेस 66
बीएपी 04
बसपा 02
आरएलडी 01
निर्दलीय 08
रिक्त 01।
Updated on:
13 Sept 2025 08:56 am
Published on:
13 Sept 2025 08:53 am
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