
Photo: Patrika Network
मोहित शर्मा.
Budgam to Delhi Train: जयपुर. कश्मीर के बड़गाम से दिल्ली के आदर्श नगर स्टेशन बीच शुरू की गई कार्गो ट्रेन मंगलवार को पहली बार सेब लेकर दिल्ली पहुंचीं। संयुक्त पार्सल उत्पाद रैपिड कार्गो ट्रेन (जेपीपी-आरसीएस) ने कश्मीरी सेबों को 23 घंटे के रिकॉर्ड समय में दिल्ली पहुंचाया है। इससे ताजे सेब लोगों को मिल सकेंगे।
रेलवे के मुताबिक, आठ रैक वाली इस पार्सल वैन के प्रत्येक रैक में करीब 23 टन माल रखने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि पहले दिन आठ कोच की ट्रेन को चलाया गया है। आने वाले दिनों में व्यापारियों की ओर से मांग बढऩे पर पार्सल कोच की संख्या में वृद्धि की जा सकती है। कश्मीर से न केवल सेब बल्कि ड्राई फ्रूट्स, मसाले व अन्य कृषि उत्पाद की दिल्ली तक ढुलाई आसान हो जाएगी।
नई रेल लाइन कश्मीर के सेब किसानों के लिए एक बड़ी राहत बनकर आई है, और इसका सीधा फायदा राजस्थान के उपभोक्ताओं को भी मिलने की उम्मीद है। इस नई रेलवे लाइन के शुरू होने से अब कश्मीर से दिल्ली तक सेबों की ढुलाई तेज और सुगम हो गई है, जिससे राजस्थान में कश्मीरी सेब की कीमतें कम हो सकती हैं ।
यह नई रेल सेवा न केवल कश्मीर के बागवानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगी, बल्कि राजस्थान के आम आदमी की थाली तक पहुंचने वाले सेब को भी सस्ता और सुलभ बनाएगी। हालांकि अभी यह कहना जल्दबाजी होगी कि कीमतों में कितनी गिरावट आएगी, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि इसका सकारात्मक असर दिखना तय है।
यह ट्रेन रोजाना लगभग 1000 टन फलों की ढुलाई करने में सक्षम है। पहले चरण में 23-23 मीट्रिक टन क्षमता वाले दो पार्सल वैन शुरू किए गए हैं, और मांग बढऩे पर इनकी संख्या बढ़ाई जाएगी। यह कदम उन बागवानों के लिए एक "जीवन रेखा" साबित हुआ है जो अक्सर श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग के बंद होने से भारी नुकसान उठाते थे।
वर्तमान में, कश्मीर से सेब की सप्लाई मुख्य रूप से ट्रकों के माध्यम से सडक़ मार्ग से होती है। सेब पहले दिल्ली की आजादपुर मंडी पहुंचते हैं, और फिर वहां से राजस्थान सहित देश के अन्य राज्यों में भेजे जाते हैं । कुछ व्यापारी सीधे कश्मीर से भी जयपुर जैसे शहरों में सेब लाते हैं।
हालांकि, श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग अक्सर भूस्खलन और खराब मौसम के कारण बंद रहता है। इस वजह से सैकड़ों ट्रक कई-कई दिनों तक रास्ते में फंसे रहते हैं, जिससे सेब खराब हो जाते हैं और किसानों को करोड़ों का नुकसान होता है। सप्लाई में इस रुकावट के कारण राजस्थान जैसे बाजारों में सेब की कीमतें बढ़ जाती हैं ।
दिल्ली आजादपुर मंडी के थोक सेब कारोबारियों के अनुसार ट्रक के जरिए सेब के परिवहन पर औसतन 15 रुपए प्रति किलोग्राम खर्च है। ट्रेन में बडगांव से लेकर दिल्ली आदर्श नगर स्टेशन तक का किराया महज 2.5 रुपए प्रति किलोग्राम है। स्टेशन तक सेबों को लाने-ले जाने का भाड़ा भी जोड़ लें तो भी महज पांच रुपए प्रति किलोग्राम का भाड़ा होगा। यानी सेब के परिवहन में भाड़े का खर्च 65 फीसदी तक कम हो जाएगा।
सस्ता होगा सेब: रेल मार्ग से ढुलाई सस्ती और तेज होगी। इससे परिवहन लागत घटेगी और बर्बादी कम होगी, जिसका सीधा असर कीमतों पर पड़ेगा। उम्मीद है कि राजस्थान के बाजारों में कश्मीरी सेब के दाम घटेंगे । पहले सेव कश्मीर से दिल्ली तक 7 से 8 दिन में पहुंचता था, फिर दिल्ली की आजादपुर मंडी से देश के अन्य भागों में पहुंचने में 3 से 5 दिन लगते थे। अब सिर्फ 24 घंटे में सेब दिल्ली पहुंचेगा।
निर्बाध आपूर्ति: ट्रेन सेवा से सेब की आपूर्ति नियमित और स्थिर होगी। इससे त्योहारी सीजन और सर्दियों में रूजब सेब की मांग बढ़ती है, तब कीमतों में अचानक होने वाली बढ़ोतरी को रोकने में मदद मिलेगी।
बेहतर क्वालिटी: ट्रेन से सेब दिल्ली तक सिर्फ एक दिन में पहुंच जाएंगे। इससे वे ताजे रहेंगे और उपभोक्ताओं को बेहतर गुणवत्ता वाले फल मिलेंगे।
रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने अपने ऑफिशियल एक्स हैण्डल पर जानकारी दी है की कश्मीर घाटी के बडग़ाम स्टेशन से दिल्ली के आदर्श नगर स्टेशन के बीच पहली दैनिक रैपिड कार्गो सेवा शुरू की गई है। इससे अब जम्मू-कश्मीर के ताज़ा सेब तेज़ी से देश के अन्य हिस्सों में पहुंचेंगे।
साथ ही कश्मीरी किसानों ने बताया कि पहले आए दिन रास्ते बंद होने से सेव खराब हो जाते थे, अब ऐसा नहीं होगा। किसानों ने सरकार को धन्यवाद दिया।
Updated on:
17 Sept 2025 01:39 pm
Published on:
17 Sept 2025 01:32 pm
बड़ी खबरें
View Allजयपुर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
