पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव मनीष चौधरी ने कहा कि ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग की ओर से 17 दिसंबर को विभिन्न राजनीतिक दलों को उक्त लॉटरी में भाग लेने के लिए अवगत कराया था, लेकिन आरएलपी को उस पत्र में संबोधित ही नहीं किया गया जबकि पार्टी निर्वाचन आयोग की ओर से मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल है। उन्होंने कहा पार्टी को अवगत नहीं कराया जाना गंभीर अनियमितता व लापरवाही है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज राजेश्वर सिंह की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में शनिवार को इंदिरा गांधी पंचायती राज संस्थान में पंचायत आम चुनाव-2020 हेतु प्रदेश के 33 जिलों के जिला परिषदों के जिला प्रमुखों के आरक्षण की लॉटरी निकालने की प्रक्रिया सम्पन्न हुई । राजनीतिक दलों, आम जन एवं मीडियाकर्मियों की मौजूदगी में पर्ची पद्वति से लॉटरी निकाली गई ।
लॉटरी के अनुसार अलवर व दौसा में अन्य पिछड़ा वर्ग, झालावाड़, झुन्झुनू व राजसमन्द में अन्य पिछड़ा वर्ग की महिला, अजमेर, बाड़मेर, भरतपुर, बून्दी, चित्तौड़गढ़, जैसलमेर, नागौर, सवाईमाधोपुर व सिरोही में अनारक्षित , बारां, धौलपुर, जयपुर, जोधपुर, पाली, सीकर, टोंक व उदयपुर में अनारक्षित महिला, बीकानेर, श्री गंगा नगर व कोटा जिले में अनुसूचित जाति, चूरू, हनुमानगढ़ व करौली में अनूसचित जाति महिला, बांसवाड़ा, जालौर व प्रतापगढ़ में अनुसूचित जनजाति व भीलवाड़ा एवं डूंगरपुर जिले में अनुसूचित जनजाति की महिला के लिये पद आरक्षित किया गया है ।
जिला प्रमुखों की लॉटरी की पूर्ण सूची जारी करते हुए अतिरिक्त मुख्य सचिव सिंह ने बताया कि लॉटरी निकालने का कार्य पूर्ण पारदर्शी तरीके से सम्पन्न करवाया गया है। उन्होंने बताया कि आगामी पंचायत आम चुनाव-2020 में अन्य पिछड़ा वर्ग से 2, अन्य पिछड़ा वर्ग महिला श्रेणी से 3, अनारक्षित श्रेणी से 9, अनारक्षित महिला श्रेणी से 8, अनुसूचित जाति से 3, अनुसूचित जाति महिला श्रेणी से 3, अनुसूचित जनजाति से 3 व अनुसूचित जनजाति महिला श्रेणी से 2 जिला प्रमुख चुने जाएंगे।