
पत्रिका फाइल फोटो
Rajasthan News: राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) ने स्कूल लेक्चरर भर्ती परीक्षा 2025 के परिणामों के बाद पूरे प्रदेश में हलचल मची हुई है। विशेष रूप से राजनीतिक विज्ञान विषय के नतीजों ने सभी को चौंका दिया है। राजनीतिक विज्ञान विषय के 225 पदों के लिए केवल 6 अभ्यर्थी ही पास हो पाए। इस परिणाम के बाद अभ्यर्थियों में भारी रोष देखा जा रहा है।
आखिर इतनी कम संख्या में अभ्यर्थी पास क्यों हुए? इसके पीछे RPSC के नए नियमों और सख्त मूल्यांकन प्रक्रिया को जिम्मेदार माना जा रहा है।
RPSC ने स्कूल लेक्चरर के कुल 2202 पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया की शुरुआत 5 नवंबर 2024 से की थी। इस भर्ती के तहत विभिन्न विषयों के लिए पद निर्धारित किए गए थे, जिनमें से राजनीतिक विज्ञान के 225 पद शामिल थे। लिखित परीक्षा का आयोजन 6 जुलाई 2025 को किया गया, जिसमें हजारों अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया।
इस परीक्षा के परिणाम 23 सितंबर 2025 को घोषित किए गए, लेकिन राजनीतिक विज्ञान के नतीजों ने सभी को हैरान कर दिया। 225 पदों के लिए केवल 6 अभ्यर्थी ही पास हो सके, जिसके बाद इस परिणाम की वजहों पर सवाल उठने लगे।
बता दें, RPSC ने अपने विज्ञापन में स्पष्ट निर्देश दिए थे कि परीक्षा में 10 फीसदी से अधिक प्रश्नों में यदि अभ्यर्थी पांच विकल्पों में से एक भी विकल्प नहीं चुनते तो उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा। इस नियम के तहत 386 अभ्यर्थियों को अयोग्य ठहराया गया। आयोग ने इन अभ्यर्थियों के रोल नंबर अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर अलग से जारी किए हैं। इस सख्त नियम के कारण ही इतनी बड़ी संख्या में अभ्यर्थी परीक्षा में पास नहीं हो सके।
राजनीतिक विज्ञान के इस परिणाम के बाद सोशल मीडिया पर अभ्यर्थियों का गुस्सा देखा जा रहा हैं। कई अभ्यर्थियों ने RPSC के इस सख्त नियम पर सवाल उठाए हैं। कुछ का मानना है कि इतने बड़े पैमाने पर अयोग्यता का फैसला अभ्यर्थियों के साथ अन्याय है, जबकि अन्य का कहना है कि यह नियम गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए जरूरी था। सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को लेकर बहस छिड़ी हुई है।
RPSC की ओर से लागू किए गए इस नए नियम का उद्देश्य भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और गुणवत्ता को बढ़ावा देना था। हालांकि, इसका परिणाम उम्मीद से कहीं अधिक खराब रहा। विशेषज्ञों का कहना है कि कई अभ्यर्थी अनिश्चितता के कारण प्रश्नों को खाली छोड़ देते हैं।
इस बीच, राजस्थान लोक सेवा आयोग में तीन नए सदस्यों की नियुक्ति हुई है। लंबे समय से आयोग में छह सदस्यों के पद रिक्त थे, जिसके कारण कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे थे। राज्य सरकार ने राज्यपाल के आदेश से पूर्व आईपीएस हेमंत प्रियदर्शी, डॉ. अशोक कलवार और डॉ. सुशील कुमार बिस्सू को नए सदस्य के रूप में नियुक्त किया है। इस नियुक्ति के बाद अब आयोग में केवल तीन पद रिक्त रह गए हैं।
Published on:
24 Sept 2025 05:36 pm
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