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आरयूएचएस की नई व्यवस्था, राजस्थान के निजी चिकित्सा कॉलेजों में फैकल्टी भर्ती व्यवस्था में बड़ा बदलाव

RUHS New System : राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (आरयूएचएस)। निजी चिकित्सा कॉलेजों में फैकल्टी भर्ती व्यवस्था में बड़ा बदलाव किया। नई व्यवस्था लागू होने के बाद पहली बार निजी कॉलेजों की फैकल्टी विश्वविद्यालय के सीधे नियंत्रण में आ जाएगी। जानें फिर क्या होगा।

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RUHS New System Rajasthan Private Medical Colleges Faculty Recruitment System Major Change

राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय। फाइल फोटो पत्रिका

विकास जैन
RUHS New System : राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (आरयूएचएस) ने निजी कॉलेजों में चिकित्सा शिक्षा से संबंधित फैकल्टी (संकाय सदस्य) भर्ती व्यवस्था में बड़ा बदलाव करते हुए हर कॉलेज में रिक्रूटमेंट कमेटी बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पहले चरण में विश्वविद्यालय से संबद्ध राज्य के 610 निजी मेडिकल, डेंटल, नर्सिंग, फार्मेसी और फिजियोथैरेपी कॉलेजों में कार्यरत मौजूदा फैकल्टी की जानकारी 31 अगस्त तक पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य किया गया है। अभी तक 90 प्रतिशत से अधिक काम पूरा हो चुका है। अब विश्वविद्यालय इनकी स्क्रूटनी कर योग्य प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर को स्वीकृति देगा।

पहली बार निजी कॉलेजों की फैकल्टी सीधे नियंत्रण में आएगी

यह व्यवस्था लागू होने के बाद पहली बार निजी कॉलेजों की फैकल्टी विश्वविद्यालय के सीधे नियंत्रण में आ जाएगी। अब तक फैकल्टी को लेकर कॉलेजों की जवाबदेही नहीं थी, इस कारण कई बार गड़बड़ियों पर कार्रवाई नहीं हो पाती थी। नए सिस्टम से फैकल्टी की सर्विस गिनी जाएगी, जिससे भविष्य में उनके लिए अकादमिक लाभ भी होंगे। यूजीसी गाइडलाइन के अनुरूप अब हर कॉलेज में एक भर्ती कमेटी होगी। इसमें विश्वविद्यालय के दो विषय विशेषज्ञ और कुलपति की ओर से नामित सदस्य शामिल होंगे। इनकी देखरेख में ही नियुक्तियां होंगी।

एक से अधिक कॉलेज में नहीं दिखा सकेंगे

सबसे अहम बदलाव यह है कि एक फैकल्टी का नाम एक से अधिक कॉलेज में नहीं दिखाया जा सकेगा। यानी ‘‘पेपर फैकल्टी’’ की प्रथा पर रोक लग जाएगी। साथ ही विश्वविद्यालय यह तय करेगा कि कौन-सी फैकल्टी परीक्षा, निरीक्षण और पाठ्यक्रम विकास जैसे कार्यों में शामिल होगी। आरयूएचएस से संबद्ध कॉलेजों में हर साल करीब 39 हजार विद्यार्थी विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेते हैं।

पहली बार ऐसी कमेटियां - कुलगुरु

यूजीसी के प्रावधानों के तहत पहली बार निजी कॉलेजों में भर्ती कमेटी बनाई जा रही है। इसमें विश्वविद्यालय के विशेषज्ञ और कुलगुरु शामिल रहेंगे। फैकल्टी की जवाबदेही तय होगी और छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी।
प्रो. प्रमोद येवले, कुलगुरु, आरयूएचएस