
फाइल फोटो पत्रिका
Rajasthan : राजस्थान के कई शहरों में अब भी रेरा (रियल एस्टेट रेगूलेटरी अथॉरिटी) में रजिस्ट्रेशन कराए बिना आवास और भू-खंडों की बिक्री की जा रही है। बिल्डर और निजी डवलपर्स ऐसे मामलों में एजेंट (ब्रोकर) को आगे कर रहे हैं। आमजन को इस तरह की धोखाधड़ी से बचाने के लिए सरकार ने एक बार फिर सभी नगरीय निकायों, विकास प्राधिकरणों और नगर विकास न्यासों को सख्त निर्देश दिए हैं कि रेरा में रजिस्टर्ड किए बिना किसी भी योजना का पट्टा जारी न करें।
सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह निर्देश केवल निजी डवलपर या बिल्डरों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि नगरीय निकायों की अपनी योजनाओं पर भी लागू होंगे। पहले जारी आदेशों का हवाला देते हुए कहा गया है कि रेरा रजिस्ट्रेशन के बाद ही किसी भी परियोजना के आवेदन स्वीकार किए जाएं।
1- नियम : एकल पट्टा मामलों में बिना रजिस्ट्रेशन के पट्टा जारी किया जा सकता है, लेकिन यह शर्त लगाना जरूरी है कि विकासकर्ता, सोसायटी उस जमीन पर भू-खंड, अपार्टमेंट या भवन का बेचान रजिस्ट्रेशन के बाद ही कर सकेगा।
2- हकीकत : कई छोटे निकायों में इस शर्त की पालना भी नहीं हो रही। अथॉरिटी भरतपुर, पाली, बीकानेर जैसे शहरों में जांच कर रही है।
1-नियम : निजी खातेदार, विकासकर्ता, गृह निर्माण सहकारी समिति की प्लाटेड योजना के ले-आउट प्लान का अनुमोदन करने की बाद संबंधित निकाय सुनिश्चित करेंगे कि योजना का रेरा में रजिस्ट्रेशन के बाद ही पट्टे जारी करेंगे।
2- हकीकत : अभी भी कुछ निकाय योजना का अनुमोदन करके पट्टे जारी कर रहे हैं।
रेरा नियमों के तहत बिल्डर, डवलपर और रियल एस्टेट एजेंट सभी के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है। इसके बिना किसी भी तरह की जमीन, प्लॉट या फ्लैट की बिक्री गैरकानूनी मानी जाएगी। नियमों की अवहेलना करने पर शुरुआत में 5 लाख रुपए तक का जुर्माना और आगे चलकर सजा का प्रावधान भी है।
Published on:
30 Oct 2025 10:39 am
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