
प्रतीकात्मक तस्वीर-फ्रीपिक
जयपुर। राज्य में हाल ही में हुए स्कूल भवनों के गिरने की घटनाओं के बाद, स्कूल शिक्षा विभाग ने प्रदेशभर के स्कूलों के लिए नए सुरक्षा दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन दिशा-निर्देशों के तहत अब सभी स्कूलों में नियमित सुरक्षा ऑडिट कराना और छात्रों को आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण देना अनिवार्य कर दिया गया है।
दिशा-निर्देशों में पांच प्रमुख पहलुओं पर ध्यान दिया गया है। रोकथामात्मक सुरक्षा उपाय, जागरूकता और प्रशिक्षण, मनो-सामाजिक कल्याण, रिपोर्टिंग तंत्र, और जन-जिम्मेदारी। इसके तहत सभी स्कूलों और बच्चों से जुड़े सार्वजनिक भवनों की नेशनल सेफ्टी कोड्स और आपदा प्रबंधन दिशानिर्देशों के अनुसार संरचनात्मक सुरक्षा का मूल्यांकन किया जाएगा। इसमें फायर सेफ्टी, आपातकालीन निकास द्वार और विद्युत वायरिंग की जांच शामिल है।
इसके अलावा, छात्रों और स्कूल स्टाफ को आपातकालीन तैयारी, जैसे कि निकासी अभ्यास, प्राथमिक उपचार और सुरक्षा प्रक्रियाएं सिखाई जाएंगी। यह प्रशिक्षण राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA), दमकल विभाग, पुलिस, और स्वास्थ्य एजेंसियों के सहयोग से कराया जाएगा। विभाग ने स्कूल प्रशासन को मॉक ड्रिल और समय-समय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने के भी निर्देश दिए हैं।
इस बीच, शिक्षा सचिव कृष्ण कुणाल ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि 5 सितंबर तक राज्य के हर छात्र को पाठ्यपुस्तकें उपलब्ध कराई जाएं। उन्होंने चेतावनी दी कि किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इन नए कदमों का उद्देश्य बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देना है, जिससे किसी भी आपदा से पहले स्कूलों की सुरक्षा को पुख्ता किया जा सके।
Published on:
27 Aug 2025 01:26 pm
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