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Solar Energy: राजस्थान बनेगा देश का “सौर ऊर्जा हब”, अगले वर्ष तक 11 हजार मेगावाट क्षमता के प्रोजेक्ट होंगे स्थापित

Power Sector Growth: कुसुम योजना से किसानों को दिन में मिलेगी बिजली, बढ़ेगी कृषि उत्पादकता। सौर और रूफटॉप संयंत्रों से आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ता राजस्थान।

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जयपुर

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Rajesh Dixit

Nov 08, 2025

Renewable Power Projects: जयपुर। राजस्थान ऊर्जा क्षेत्र में एक नया इतिहास रचने जा रहा है। राज्य तेजी से नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन में अग्रणी बनता जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा वर्ष 2030 तक देश में 500 गीगावाट नवीकरणीय बिजली उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसमें राजस्थान की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसी दृष्टि से राज्य सरकार ने सौर और पवन ऊर्जा उत्पादन को औद्योगिक विकास से जोड़ते हुए बिजली की सस्ती और निरंतर उपलब्धता सुनिश्चित करने पर बल दिया है।

राज्य में आगामी वर्ष तक 11 हजार मेगावाट से अधिक क्षमता के सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट स्थापित किए जाएंगे। इन परियोजनाओं से न केवल प्रदेश की बिजली आवश्यकताएं पूरी होंगी बल्कि राजस्थान देश का “सौर ऊर्जा हब” बनने की दिशा में और मजबूत कदम बढ़ाएगा।

कुसुम योजना से किसानों को दिन में बिजली

प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत 11 हजार मेगावाट क्षमता की सौर परियोजनाएं अगले वर्ष तक पूरी होंगी। इससे किसानों को दिन के समय बिजली मिल सकेगी, जिससे कृषि कार्य में सुविधा और उत्पादकता दोनों में वृद्धि होगी। इसके अलावा आर.डी.एस.एस. योजना के तहत 33 केवी के 63 नए सब-स्टेशन स्थापित किए जा रहे हैं, जबकि 33 केवी स्तर के 317 और 11 केवी स्तर के 3744 फीडरों का विभाजन किया जाएगा। साथ ही, 27,963 किलोमीटर लंबी एलटी केबल बिछाने का कार्य भी चल रहा है।

वितरण व्यवस्था को मिला तकनीकी बल

जयपुर, जोधपुर और अजमेर डिस्कॉम्स ने मिलकर विद्युत वितरण व्यवस्था को तकनीकी रूप से मजबूत किया है। राज्य की अब तक की सर्वाधिक विद्युत मांग 19,165 मेगावाट रही, जिसे बिना किसी कटौती के पूरा किया गया। यह उपलब्धि राजस्थान को ऊर्जा प्रबंधन के क्षेत्र में अग्रणी राज्यों में शामिल करती है।

रूफटॉप सोलर संयंत्रों से आत्मनिर्भरता की ओर

प्रधानमंत्री मुफ्त बिजली योजना के अंतर्गत अब तक 95,727 रूफटॉप सोलर संयंत्र स्थापित किए जा चुके हैं, जिनसे 392 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन हो रहा है। वहीं, पीएम-कुसुम योजना के तहत 2077 मेगावाट क्षमता की 914 सौर परियोजनाएँ स्थापित की जा चुकी हैं, जिनसे लगभग 1,35,000 किसान लाभान्वित हो रहे हैं।

ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में निर्णायक कदम

राज्य सरकार की ठोस नीति और दूरदृष्टि से राजस्थान अब केवल बिजली वितरण में नहीं, बल्कि उत्पादन, आत्मनिर्भरता और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में भी मिसाल कायम कर रहा है। आने वाले वर्षों में राजस्थान न केवल अपने घरों और खेतों को रोशन करेगा, बल्कि पूरे देश के लिए स्वच्छ और सतत ऊर्जा का आदर्श केंद्र बनेगा।