
Third Grade Teacher's Transfer
जयपुर। बहुप्रतीक्षित तृतीय श्रेणी शिक्षकों की तबादला सूची तो जारी हो गई, लेकिन शिक्षक अब भी परेशान हैं। तबादला करने से पूर्व शिक्षा विभाग ने इसके लिए गाईड लाइन जारी की, लेकिन वह धरी रह गई।
प्रदेशभर से ऐसे बहुत से शिक्षक हैं, जिन्होंने तबादलों के लिए आवेदन किया, आवेदन को बीकानेर निदेशालय भी पहुंचाया, मंत्री और विधायकों की डिजायर भी कराई, लेकिन फिर भी कुछ नहीं हुआ। शिक्षकों का कहना है कि ये तबादले बिना किसी नीति के हुए हैं। इनमें किसी भी प्रकार की गाईड लाइन तय नहीं की गई।
विधायक और जिलाध्यक्षों से मांगे थे नाम
उपचुनाव में हार के बाद भाजपा ने अपने कार्यकर्ताओं को मनाने की पूरी कोशिश की। इसी के चलते फरवरी में शिक्षा राज्यमंची के विशिष्ट सहायक के नाम से एक पत्र वायरल हुआ, जिसमें उन्होंने विधायक और जिलाध्यक्षों से पार्टी पादाधिकारी—पूर्व पदाधिकारी या वरिष्ठ कार्यकर्ताओं के स्वयं व पारिवारिक सदस्यों के स्थानान्तरण के लिए प्रस्ताव मांगे थे। अब जो तबादले हुए हैं शिक्षक उनमें इसी प्रकार का आरोप लगा रहे हैं, शिक्षकों का कहना है कि इन तबादलों में राजनीतिक एप्रोच वालों को ही इच्छित स्थान मिले हैं।
डिजायर सबको, लेकिन तबादले खास के ही
मंत्रियों और विधायकों ने डिजायर तो सबकी दी, लेकिन तबादले खास के ही हुए। ऐसा कोई एक मामला नहीं है। ऐसे बहुत से मामले हैं, जिनमें विधायक और मंत्री की डिजायर पर भी तबादले नहीं हुए। जानकारी के अनुसार जिनके नाम उन्होंने अपनी सूची में भेजे उनका ही तबादला हुआ है।
सबके आवेदन लिए, खुद का ही अटक गया
शिक्षा संकुल में तबादलों के आवेदन जिस शिक्षक ने लिए उसका खुद ही तबादला अटक गया। जबकि उसने दो मंत्री और एक विधायक से डिजायर भी कराई, लेकिन राजनीतिक एप्रोच नहीं होने से किसी की सूची में उसका नाम नहीं गया। उसने आवेदन में भी बताया कि पिता लकवाग्रस्त हैं। जयपुर के 5 स्कूल भी आवेदन में भरे थे।
सिर्फ राजनीतिक तबादले
तृतीय श्रेणी के उन्ही शिक्षकों का तबादला हुआ, जिनकी राजनीतिक पहुंच थी। आवेदन करने वाले आम शिक्षक को इससे कोई राहत नहीं मिली। इन तबादलों को सिर्फ राजनीतिक तबादले कह सकते हैं।
शेरसिंह चौहान, प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष, राजस्थान शिक्षक एवं पंचायती राज कर्मचारी संघ
तबादले राजनीतिक एप्रोच से ही
तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले राजनीतिक एप्रोच से ही हुए हैं। तबादलों के लिए आवेदन मांग कर सरकार और शिक्षा विभाग ने शिक्षकों की आंखों में धूल झोंकी है। तबादले नीति से होंगे ये तो अब जुमला बन गया है।
रामकृष्ण अग्रवाल, प्रदेशाध्यक्ष, शिक्षक संघ अरस्तु
Published on:
02 Jun 2018 11:54 am
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