
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर। पत्रिका फाइल फोटो
जयपुर। आरटीई में चयनित होने के बाद भी बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा का अधिकार नहीं मिल रहा है। निजी स्कूल मनमानी कर रहे हैं। सत्र शुरू होने के चार महीने बाद अब शिक्षा विभाग हरकत में आया है।
विभाग ने जयपुर शहर के ऐसे 21 स्कूलों को चिन्हित किया है। इन स्कूलों को विभाग ने नोटिस जारी किया है, साथ ही आरटीई में चयनित बच्चों को प्रवेश देने के निर्देश दिए हैं। निदेशक प्रारंभिक शिक्षा ने प्रवेश नहीं देने पर मान्यता रद्द करने की चेतावनी भी दी है।
वहीं, दूसरी ओर कार्यवाही पर सवाल भी खड़े हो रहे हैं। सिर्फ 21 स्कूलोें को नोटिस जारी कर खानापूर्ति कर ली गई। जबकि जयपुर में करीब तीन हजार से अधिक बच्चे ऐसे हैं जिन्हें आरटीई में चयनित होने के बाद भी प्रवेश नहीं मिला।
पांच महीने से बच्चे घरों में, पढ़ाई से वंचित
संयुक्त अभिभावक संघ ने इसका विरोध किया है। संघ के प्रवक्ता अभिषेक जैन ने कहा है कि दाखिला प्रक्रिया शुरू हुए पूरे पांच महीने बीत चुके हैं, लेकिन आज भी अधिकांश बच्चे किताब-कॉपी के बजाय घर की चारदीवारी में कैद हैं और पढ़ाई का इंतजार कर रहे हैं। पिछले तीन महीनों से नोटिसों की औपचारिकता निभाई जा रही है।
बच्चों की पढ़ाई शुरू नहीं हुई। जब निजी स्कूलों में परीक्षाएं तक हो रही हैं, तब आरटीई योजना के तहत चयनित बच्चे अभी तक कक्षा का चेहरा तक नहीं देख पाए हैं। संघ ने विभाग पर पक्षपातपूर्ण कार्रवाई का आरोप लगाते हुए कहा कि सिर्फ़ 21 निजी स्कूलों को अंतिम चेतावनी देना दिखावटी कदम है।
सीडलिंग मार्डन स्कूल
मॉर्डन स्कूल मानसरोवर
महाराजा सवाई मानसिंह विद्यालय
वर्धमान इंटरनेशनल स्कूल
भारतीय विद्या भवन विद्या आश्रम
माय ओन स्कूल श्यामनगर
टैगोर इंटरनेशनल स्कूल मानसरोवर
सरस्वती पब्लिक स्कूल
वारेन एकेडमी
नीरजा मोदी मानसरोवर
इंडिया इंटरनेशनल स्कूल मानसरोवर
स्टार किड्स एकेडमी
ब्राइट फ्यूचर स्कूल
युगान्तर इंटरनेशनल स्कूल
मदर ग्रेस स्कूल
डिफेंस पब्लिक स्कूल
ज्ञान ज्योति स्कूल
सनस्टार स्कूल
टैगोर इंटरनेशनल विद्यालय
अमेरिकन इंटरनेशनल विद्यालय
सेंट विलफ्रेड स्कूल
Published on:
12 Sept 2025 08:05 am
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