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32 करोड़ की सौगात: जयपुर में तैयार हुआ सेमी हाईस्पीड ट्रेन का डिपो, जानें क्या-क्या है खास ?

वंदेभारत और अमृतभारत जैसी सेमी हाईस्पीड ट्रेनों का मेंटेनेंस और रख-रखाव अब जयपुर में किया जा सकेगा। इसके लिए जयपुर जंक्शन यार्ड में 32 करोड़ रुपए की लागत से कोच केयर कॉम्प्लेक्स तैयार हो गया है।

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जयपुर

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Kamal Mishra

Sep 09, 2025

Namo Bharat train

सेमी हाईस्पीड ट्रेन-फाइल फोटो

जयपुर। देश की शान कही जाने वाली वंदेभारत और अमृतभारत ट्रेनों की देखभाल और मरम्मत अब जयपुर में ही हो सकेगी। इसके लिए जयपुर जंक्शन यार्ड में 32 करोड़ रुपए की लागत से बना आधुनिक कोच केयर कॉम्प्लेक्स यात्रियों और रेलवे दोनों के लिए बड़ी सुविधा लेकर आया है।

रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव गुरुवार को इस अत्याधुनिक डिपो का उद्घाटन करेंगे। कार्यक्रम के अनुसार, रेलमंत्री पहले शहर में आयोजित एक अन्य समारोह में शिरकत करेंगे, उसके बाद दोपहर को जंक्शन यार्ड पहुंचकर डिपो का लोकार्पण करेंगे। इसके बाद वे जयपुर जंक्शन बिल्डिंग, सेकंड एंट्री और गांधीनगर स्टेशन पर जारी री-डवलपमेंट कार्यों का भी निरीक्षण करेंगे।

इतना बड़ा बना है वंदेभारत का डिपो

यह डिपो आकार और तकनीक, दोनों ही लिहाज से खास है। 554.5 मीटर लंबा और 18.91 मीटर चौड़ा यह शेड इस तरह डिजाइन किया गया है कि यह ओएचई (ओवरहेड इक्विपमेंट) का पूरा भार वहन कर सके। यहां पर तीन पिट लाइन और एक स्टेबलिंग लाइन की सुविधा उपलब्ध है। यह पूरी तरह ब्राउनफील्ड परियोजना थी, जिसे महज दो साल में पूरा कर लिया गया। 30 अगस्त को इस पर काम समाप्त हुआ और अब यह उपयोग के लिए तैयार है।

सभी सेमी हाईस्पीड ट्रेनों का हो सकेगा मेंटिनेंस

रेलवे अधिकारियों का मानना है कि इस डिपो से न केवल वंदेभारत जैसी हाई-स्पीड ट्रेनों की मेंटेनेंस आसान होगी, बल्कि जयपुर जंक्शन का महत्व भी और बढ़ जाएगा। पहले ऐसी ट्रेनों की देखभाल के लिए अन्य शहरों पर निर्भर रहना पड़ता था, लेकिन अब जयपुर में ही यह सुविधा उपलब्ध होगी।

बढ़ेंगे रोजगार के अवसर

यात्रियों के लिए इसका सीधा लाभ यह होगा कि ट्रेनों की सर्विसिंग और रिपेयरिंग जल्दी होगी, जिससे संचालन में बाधा कम आएगी। साथ ही, इस डिपो के चलते रोजगार के नए अवसर भी बढ़ेंगे और रेलवे की क्षमता में इजाफा होगा। गुलाबी शहर के लिए यह परियोजना सिर्फ एक इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं, बल्कि आने वाले समय में हाई-स्पीड रेलवे नेटवर्क को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।