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बच्चों की सुरक्षा से खिलवाड़ फिर शुरू, तीन दिन में हांफ गया पुलिस का अभियान

locationजैसलमेरPublished: Aug 12, 2018 01:25:36 pm

Submitted by:

Deepak Vyas

-तीन दिन में हांफ गया पुलिस का अभियान

again start Playing with children's safety

बच्चों की सुरक्षा से खिलवाड़ फिर शुरू, तीन दिन में हांफ गया पुलिस का अभियान

जैसलमेर. बाल वाहिनियों में क्षमता से अधिक स्कूली बच्चों को बैठाने वाले चालकों के खिलाफ पुलिस का अभियान महज तीन दिन में ही फुस्स नजर आ रहा है। शनिवार को ‘पत्रिका’ की ओर से स्कूलों की छुट्टी के समय इस संबंध में जायजा लिए जाने पर निराशाजनक हालात सामने आए। गौरतलब है कि पुलिस अधीक्षक ने पिछले दिनों बाल वाहिनियों में क्षमता से अधिक तथा जोखिमपूर्ण ढंग से बच्चों को बैठाने के खिलाफ अभियान चलाने का निर्देश दिया था। जिसके बाद सक्रिय हुई यातायात पुलिस ने शहर के ज्यादा नामांकन वाले विद्यालयों के बाहर तीन दिनों तक अभियान चलाया। पुलिस के सक्रिय होने के चलते स्थितियों में सुधार भी आया, लेकिन अब ढाक के तीन पात वाले हालात बन गए हैं।
मुनाफे की फिक्र, बच्चों की नहीं
जैसलमेर के करीब एक दर्जन स्कूलों में बच्चों की आवाजाही के लिए कोई दो सौ से अधिक तीन पहिया व चार पहिया टैक्सी वाहनों को बाल वाहिनी के रूप में चलाया जाता है। इनमें से कुछ को छोडकऱ अधिकांष बाल वाहिनी संचालक अपने वाहनों में अधिक से अधिक बच्चों को लगभग ठुंस कर लाते-ले जाते हैं। ऐसा करने में उन्हें अपना आर्थिक लाभ लगता है, लेकिन बच्चों की सुरक्षा हमेशा ताक पर रहती है। टैक्सियों में बच्चे चालक के साथ बमुष्किल सीट और दोनों तरफ लगाए गए हत्थों आदि पर बैठे हुए नजर आ जाते हैं। उनका आधा षरीर वाहन से बाहर रहता है। इसके साथ ही स्कूल बैग भी झूलते नजर आते हैं। अभिभावकों की ओर से कई बार उनसे इस संबंध में शिकायत भी की जाती है लेकिन वह सब बेअसर रहता है। कई बार बच्चे बड़ी कष्टप्रद स्थितियों में स्कूल आते-जाते हैं।
यह है हकीकत
-बाल वाहिनियों की मनमानी पर न तो परिवहन विभाग और न ही पुलिस महकमा रोक लगाता नजर आता है।
-आए दिन सरकार की ओर से इस संबंध में सख्त दिशा-निर्देष जारी किए जाते हैं, लेकिन यथार्थ के धरातल पर उनका क्रियान्वयन जिम्मेदार नहीं करते।
-स्कूल प्रबंधन की तरफ से भी बच्चों की सुरक्षा से खिलवाड़ करने वाली बाल वाहिनियों की मनमानी को रोकने का प्रयास नहीं किया जाता।
-बाल वाहिनी के तौर पर काम आने वाले वाहनों के संचालन को लेकर राज्य के परिवहन विभाग की तरफ से कड़े नियम कायदे बनाए हुए हैं।
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