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दम तोडऩे लगा सीमेंट उद्योग का सपना,6 ब्लॉक्स आवंटन को मंशा पत्र जारी होने के बाद भी नहीं बढ़ा कार्य

locationजैसलमेरPublished: May 26, 2019 03:23:35 pm

Submitted by:

Deepak Vyas

सीमावर्ती जैसलमेर जिले में सीमेंट उत्पादन इकाइयों की स्थापना का सुनहरा सपना अभी तक सपना ही बनाया गया है। विगत वर्षों में इसको लेकर एक भी ठोस कदम नहीं बढ़ाया जा सका है।

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दम तोडऩे लगा सीमेंट उद्योग का सपना,6 ब्लॉक्स आवंटन को मंशा पत्र जारी होने के बाद भी नहीं बढ़ा कार्य

जैसलमेर. सीमावर्ती जैसलमेर जिले में सीमेंट उत्पादन इकाइयों की स्थापना का सुनहरा सपना अभी तक सपना ही बनाया गया है। विगत वर्षों में इसको लेकर एक भी ठोस कदम नहीं बढ़ाया जा सका है। कुछ वर्ष पहले चार हजार करोड़ रुपए के निवेश की बात तत्कालीन राज्य सरकार के स्तर पर की गई थी और कुछ कंपनियों ने जिले में ब्लॉक्स आवंटन करवाने में दिलचस्पी भी दर्शाई, लेकिन यह सारी कवायद भी ठंडे बस्ते में गई प्रतीत होती है।
मंशा पत्र जारी किया लेकिन…
गौरतलब है कि चार साल पहले जैसलमेर जिले में दो सीमेंट निर्माता कंपनियों को छह ब्लॉक्स आवंटित करने का मंशा पत्र जारी किया गया था। इसके बाद यह कवायद आगे नहीं बढ़ पाई। बताया जाता है कि उसी समय प्रदेश में खनन पट्टे आवंटन में चर्चित ‘महाघूस कांड’ हुआ था और उस वातावरण में जैसलमेर में सीमेंट इकाइयों को ब्लॉक्स आवंटन के प्रस्ताव भी लटक गए, जबकि जैसलमेर में चूना पत्थर, जिप्सम के साथ सीमेंट उद्योग में काम आने वाले अन्य खनिज पदार्थों की बहुतायत है। जमीन की यहां कोई कमी नहीं है तो पानी का बड़ा स्रोत इंदिरा गांधी नहर भी है।
हजारों करोड़ का होना था निवेश
-जानकारी के अनुसार वर्षों पहले जैसलमेर जिले में दो सीमेंट कंपनियों ने कुल 4 हजार करोड़ रुपए के निवेश की मंशा जताई थी।
-जिले में कुल 6 ब्लॉक पारेवर एनएन-2, पारेवर एसएन-3, पारेवर एसएन-5, मंधा आरएम-1, खींया-2 और खींवसर केएच-4 तय किए गए।
यह थी उम्मीदें
खान विभाग ने मंशा पत्र भी जारी किए थे, तब यह आशा संजोई गई थी कि सीमेंट के कारखाने लगने से जिले के हजारों लोगों को रोजगार मिल सकेगा और अन्य काम-धंधे भी पनपेंगे, लेकिन यह सपने आज तक साकार होने की बाट ही जोह रहे हैं।
यह हैं उज्ज्वल संभावनाएं
जैसलमेर तथा पड़ोसी बाड़मेर जिले में लिग्नाइट, ग्रेनाइट, मैग्नाइट, जिप्सम, मार्बल, स्टीलग्रेड लाइम, बेंटोनाइट लाइम स्टोन और मैसेनरी स्टोन के अकूत भण्डार आए हुए हैं। उद्योगों की स्थापना के लिए सबसे जरूरी पानी का बड़ा स्रोत इन्दिरा गांधी नहर परियोजना यहां आई हुई है। वहीं जैसलमेर व बाड़मेर में लिग्नाइट पॉवर प्रोजेक्ट के लिए उपयोगी राख और जैसलमेर में सोनू में लाइम स्टोन का भरपूर भण्डार होने के बावजूद सीमेंट के कारखाने स्थापित होने का इंतजार अभी इंतजार ही बना हुआ है।
फैक्ट फाइल –
– 04 साल से अधर में सीमेंट प्रोजेक्ट
– 02 कंपनियों को हुआ था ब्लॉक आवंटन
– 60 लाख टन उत्पादन हो सकता है प्रतिवर्ष

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