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Jaisalmer Tourism: जैसलमेर की सम की रेत उगल रही सोना… जानिए पर्यटकों के लिए यहां क्या-क्या है खास

Jaisalmer Sam : वर्ष 2024 के आखिरी दिनों में देश भर के पर्यटकों का रुझान एक बार फिर जैसलमेर की तरफ है और रोजाना हजारों की तादाद में विभिन्न प्रांतों व राजस्थान के विविध क्षेत्रों के लोग भ्रमण के लिए इस सीमावर्ती जिले में पहुंच रहे हैं।

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Rajasthan Jaisalmer Tourism: वर्ष 2024 के आखिरी दिनों में देश भर के पर्यटकों का रुझान एक बार फिर जैसलमेर की तरफ है और रोजाना हजारों की तादाद में विभिन्न प्रांतों व राजस्थान के विविध क्षेत्रों के लोग भ्रमण के लिए इस सीमावर्ती जिले में पहुंच रहे हैं। इन सैलानियों के आकर्षण का केंद्र एक बार फिर जिला मुख्यालय से करीब 42 किलोमीटर दूर सम सेंड ड्यून्स बना हुआ है।

जहां दूर-दूर तक फैले बालुई मिट्टी के लहरदार धोरे हैं और इन धोरों पर अठखेलियां करने, वहां से सूर्यास्त के नयनाभिराम नजारों को नजरों व कैमरों में कैद करने के साथ रेगिस्तान के जहाज ऊंट की पीठ पर बैठ कर उसके मखमली पांवों के सहारे धोरों की हिचकोले खाती सैर करने का आकर्षण सबके सिर चढ़कर बोल रहा है। सम में सैलानियों के पहुंचने का सिलसिला दोपहर दो बजे के बाद से शुरू हो जाता है।

शाम होने से पहले सम व लखमणा के धोरों पर सैलानियों का मेला-सा भर जाता है। धोरों में आबाद टेंट सिटी सम सेंड ड्यून्स व उसके आसपास पहुंचने पर शाम से लेकर रात के समय लाइटिंग से नहाया हुआ एक पूरा शहर नजर आ जाता है। यह शहर टेंट सिटी कहा जाने लगा है। शाम को मेले का माहौल सम के धोरों पर इन दिनों शाम के समय जहां तक नजर जाती है, पर्यटकों के समूह दिखाई देते हैं।

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इस रेत के समंदर में रेगिस्तान के जहाज की सवारी करने का आनंद उठाने की हर किसी की चाहत होती है। रेत के आगोश में सूर्यास्त देखते ही फोटोग्राफी करने को हर कोई बेताब नजर आ रहा है। धोरों पर वर्तमान मौसम में दोपहर बाद 2-3 बजे से चहल-पहल शुरू होती है, जो सूर्यास्त के समय तक परवान पर पहुंच रही है। लखमणा ड्यून्स पर जीप सफारी के साथ क्वॉड बाइक्स की धमाचौकड़ी नजर आ रही है और शाम के समय इतनी भीड़-भाड़ होती है कि, कई बार हादसे की आशंका बनी रहती है।

Jaisalmer Sam Desert Safari: सम में है दम

सम में रिसोर्ट्स की संख्या 150 तक हो गई हैं। इसके अलावा इस क्षेत्र में होटल्स व अन्य ठहरने के ठिकाने भी हैं। जहां 5000 से ज्यादा टैंट और कॉटेज मेहमानों की खातिरदारी के लिए सुलभ हैं।

प्रत्येक रिसोर्ट में औसतन 35 से 40 टेंट्स और वातानुकूलित कॉटेज हुआ करते हैं। जो सैलानी दो रातें जैसलमेर बिताने आते हैं, वे एक रात अवश्य सम सेंडड्यून्स में गुजारते हैं।

सम में रोजाना शाम को राजस्थानी मरुसंगीत की मिठास और लोकनृत्य बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों को सुकून का अहसास करवाते हैं।

यहां राजस्थानी व्यंजनों का जायका भी उपलब्ध करवाया जाता है। सभी गाइड बुक्स तथा पर्यटन संबंधी वेबसाइट्स आदि पर सम लोकप्रिय है।

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सैलानियों की पहली पसंद थार मरुस्थल

पर्यटकों की पहली पसंद सम सेंड ड्यून्स क्षेत्र कई कारणों से सैलानियों की पहली पसंद बना हुआ है। यहां उन्हें थार मरुस्थल का नजारा करने के साथ ठहराव व खान-पान की सारी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही है। लोकगीत-संगीत का लुत्फ भी वे यहां उठाते हैं और केमल व जीप सफारी उन्हें बहुत पसंद आते हैं।

-मेघराजसिंह परिहार, पर्यटन व्यवसायी

दिख रहे नित नए नवाचार

जैसलमेर के पर्यटन को बढ़ावा सम सेंड ड्यून्स का पर्याप्त विकास होने से जैसलमेर के प्रति सैलानियों का आकर्षण बढ़ा है। यहां के पर्यटन व्यवसायी नित नए नवाचार कर रहे हैं। इससे पर्यटन को काफी प्रोत्साहन मिला है। राजस्थानी जनजीवन की झांकी भी उन्हें देखने को मिलती है।

-नरेन्द्र व्यास, पर्यटन व्यवसायी