
हादसे में घायल महिलाएं। फोटो- पत्रिका
जालोर। कानीवाड़ा बालाजी मंदिर में दर्शन को जा रही चार महिलाओं को जालोर की तरफ से आ रही एक कार ने चपेट में ले लिया। हादसे में एक महिला के पैर और पंजे का मांस फट गया और फ्रैक्चर हो गया, जिसे गंभीर स्थिति में सुमेरपुर रेफर किया गया। मौके से कार चालक फरार हो गया।
सूचना पर पुलिस और 108 एंबुलेंस पहुंची और घायलों को राजकीय अस्पताल पहुंचाया गया। जानकारी के अनुसार जालोर के श्रीराम नगर कॉलोनी से सीमा कंवर पत्नी रतनसिंह, दशरथ कंवर पत्नी भरतसिंह, प्रकाश कंवर पत्नी भगवतसिंह और रोशन कंवर पत्नी भीमसिंह पैदल ही कानीवाड़ा बालाजी दर्शन को रवाना हुई थीं।
इस दौरान वे लेटा गांव को पार कर कानीवाड़ा की तरफ जा रही थीं। मुख्य सड़क से करीब तीन फीट दूरी पर चल रही इन महिलाओं को कार चालक ने टक्कर मारी और उसके बाद मौके से फरार हो गया। सीमा कंवर के पैर में फ्रैक्चर हुआ, जो रेफर हैं। वहीं दशरथ कंवर के सिर में चोट आई है, जो जालोर के निजी अस्पताल में भर्ती हैं।
जन-जन की आस्था के केंद्र कानीवाड़ा बालाजी के मंगल दर्शन को मंगलवार और शनिवार को जिले से ही नहीं, प्रदेश के अन्य क्षेत्रों से भी श्रद्धालु पहुंचते हैं। औसतन इन दिनों में तीन से पांच हजार लोग दर्शन के लिए पहुंचते हैं। इन दो दिनों में बड़ी संख्या में श्रद्धालु जालोर शहर से पैदल भी कानीवाड़ा तक पहुंचते हैं।
जालोर शहर से कानीवाड़ा की दूरी करीब 15 किलोमीटर है, लेकिन यह मार्ग सुरक्षित नहीं है। यहां हर पल हादसे की आशंका रहती है। इसका प्रमुख कारण मार्ग पर पैदल आवाजाही करने वाले श्रद्धालुओं के लिए सेफ्टी पाथ का नहीं होना है। कानीवाड़ा तिराहे पर भी हालात विकट रहते हैं और यहां अक्सर हादसे होते रहते हैं।
कानीवाड़ा दर्शन कर लौट रहे हरीश प्रजापत ने कहा कि महिलाएं सड़क किनारे चल रही थीं। इस दौरान कार चालक ने चपेट में ले लिया। हादसे के बाद कार चालक रुका नहीं, बल्कि नेशनल हाईवे बायपास की तरफ भाग गया। कार में एक परिवार मौजूद था। यह गाड़ी लेटा क्रॉसिंग होते हुए पहुंची थी। मौके पर मौजूद लोगों ने कार का नंबर भी बताया, जिसके आधार पर पुलिस आरोपी तक पहुंचने का प्रयास कर रही है।
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सेवानिवृत्त कर्मचारी दलपतसिंह आर्य बताते हैं कि आहोर चौराहे से कानीवाड़ा मोड़ तक एक्सीडेंटल जोन है। 2010 में जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के पास शाम के समय शराब के नशे में जीप चालक ने सड़क किनारे पैदल घर की ओर लौटते समय टक्कर मारी थी, जिसमें मेरी बहन, भांजी और एक मित्र की मौके पर ही मौत हो गई थी। मैं, मेरी पुत्री और मेरे मित्र भी गंभीर रूप से चोटिल हो गए थे। इस पूरे मार्ग पर न तो स्पीड ब्रेकर हैं और न ही सुरक्षा जालियां लगी हुई हैं। रोशनी का भी अभाव रहता है।
कानीवाड़ा तिराहे से एक मार्ग कानीवाड़ा, दूसरा जोधपुर की तरफ और तीसरा जालोर की तरफ जाता है। यहां तीनों तरफ से वाहनों की आवाजाही रहती है। विजिबिलिटी का अभाव होने के साथ-साथ मोड़ होने से सामने आ रहे वाहन नजर नहीं आते, जो हादसे का कारण बनते हैं।
Updated on:
12 Nov 2025 03:38 pm
Published on:
12 Nov 2025 03:29 pm
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