
इंडो-नेपाल बॉर्डर से भारतीय सीमा में प्रवेश करने के बाद व्यापारियों ने ली राहत की सांस। फोटो- पत्रिका
नेपाल में व्यापारिक कारण से गए जालोर जिले के दो ग्रेनाइट व्यापारी छठे दिन पहरा कम होने पर काठमांडू से अपनी कार से भारत के लिए रवाना हुए। 10 घंटे का सफर अपनी कार से तय कर दोनों व्यापारी सनोली (गोरखपुर यूपी) के पास इंडो-नेपाल बॉर्डर पर पहुंचे। सीमा पर पहुंचने के बाद दोनों ने एक सेल्फी भी शेयर की।
व्यापारियों को यह फोटो साझा किया, जिस पर सभी ने राहत की सांस ली। इससे पहले दोनों व्यापारियों ने नेपाल से रवानगी के वीडियो भी जारी किए, जिसमें नेपाल के हालात उजागर हो रहे हैं। सफर के दौरान नेपाल हिंसा के वीडियो इन व्यापारियों ने साझा किए, जो भयावह है।
नेपाल सीमा से सवेरे 9.37 बजे ग्रेनाइट उद्यमी विकास माहेश्वरी ने पत्रिका को बताया कि किसी तरह काठमांडू से निकल गए हैं। हालात विकट है। मुख्य सड़कों पर सन्नाटा पसरा है और जगह जगह गाड़ियां जली हुई पड़ी हैं। बारिश के बाद सड़कों की स्थितियां भी ठीक नहीं है। प्रति घंटे 40 से 50 किमी सफर तय हो रहा है। बता दें विकास माहेश्वरी अक्सर ग्रेनाइट व्यापार के सिलसिले में नेपाल जाते रहते हैं।
यह वीडियो भी देखें
गाड़ी से रवानगी के बाद व्यापारियों ने पत्रिका को कुछ वीडियो साझा किए। दोनों व्यापारी लगातार जालोर ग्रेनाइट उद्यमियों से सफर के हालात जिक्र करते रहे। उन्होंने बताया कि काठमांडू से भारत की सीमा 350 किलोमीटर है। व्यापारी अनिल टांक ने बताया कि सुरक्षा दोनों तरफ कड़ी थी। भारतीय सीमा से पहले नेपाल में और भारत की तरफ आने पर भारतीय चेक पोस्ट पर पूरे सामान को स्कैन किया गया। कड़ी पूछताछ और दस्तावेजों की जांच के बाद उन्हें आने दिया गया।
Published on:
13 Sept 2025 05:34 pm
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