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सलाऊद्दीन वाले बयान ने बढाई महबूबा मुफ्ती की मुश्किल,अम्बाला कोर्ट में देशद्रोह का मामला दर्ज

locationजम्मूPublished: Jul 17, 2018 08:21:31 pm

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Prateek

गठबंधन टूटने के बाद से ही पीडीपी की मुश्कीले बढती जा रही है। इस दौरान पीडीपी के कई विधायकों के पार्टी से किनारा कर लेने की खबरें भी सामने आती रही…

mehbooba mufti

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योगेश शर्मा की रिपोर्ट…

(जम्मू): जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की मुश्किलें बढती ही जा रही है। जहां महबूबा के केंद्र सरकार पर जम्मू कश्मीर पर डाका डालने और सलाऊद्दीन वाले बयान के बाद से उन्हें पूरे देश में तीखी प्रतिक्रिया का सामना कर रहा है,हर कोई उनके बयान को लेकर उनकी आलोचना कर रहा है, वहीें उनके खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज होने की बात सामने आई है। महबूबा के खिलाफ यह देशद्रोह का मामला अम्बाला कोर्ट में दाखिल किया गया है। जिस पर सुनवाई करने के लिए अदालत ने अगले माह की 14 तारिख तय की है।


एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं श्री हिन्दू तख़्त के राष्ट्रीय प्रचारक वीरेश शांडिल्य ने जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री व पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ़्ती के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज कराया है। अम्बाला के सत्र न्यायालय ने याचिकाकर्ता को महबूबा मुफ्ती के खिलाफ सबूतों सहित बयान दर्ज करवाने के आदेश दिए हैं। इस मामले में अब अगली सुनवाई 14 अगस्त 2018 को होगी। वीरेश शांडिल्य ने सोमवार को अम्बाला की अदालत में दिए गए शिकायती पत्र में कहा था कि 14 जुलाई को दिए ब्यान में पूर्व सीएम महबूबा मुफ़्ती ने कहा की अगर उनकी पार्टी पीडीपी को तोड़ने की साजिश हुई, तो कश्मीर में आतंकी सलाऊद्दीन पैदा होंगे। इस ब्यान से महबूबा मुफ़्ती ने आतंकवाद को पनाह देते हुए अन्य पार्टियों व देशवासियों को डराने की कोशिश की है। शांडिल्य ने अदालत में महबूबा के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज करने के लिए एडवोकेट सुमित शर्मा के माध्यम से याचिका दायर की थी व अदालत ने इस याचिका को सोमवार को मंजूर कर लिया।


भाजपा ने तोड़ा पीडीपी के साथ तीन वर्ष पुराना गठबंधन

बता दें कि तीन साल तक जम्मू-कश्मीर में पीडीपी और भाजपा के गठबंधन की सरकार रही। इस गठाबंधन सरकार में महबूबा मुफ्ती को सीएम बनाया गया। तीन साल तक गठबंधन में रहने के बाद बीजेपी ने पीडीपी के साथ गठबंधन तोड़ दिया। यह फैसला भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के नेतृत्व में दिल्ली में हुई बैठक में लिया गया। बैठक के बाद इस बात की सूचना जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल एनएन वोहरा को दी गई। गठबंधन टूटने के बाद से ही राज्य में राज्यपाल शासन लागू है। गठबंधन टूटने के बाद से ही पीडीपी की मुश्कीले बढती जा रही है। इस दौरान पीडीपी के कई विधायकों के पार्टी से किनारा कर लेने की खबरें भी सामने आती रही।

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