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अफरीद के कन्या छात्रावास में गंदा काम! जनदर्शन शिकायत के 17 दिन बाद जागा प्रशासन, जानें मामला…

CG News: अफरीद कन्या छात्रावास में गंदे काम की शिकायत के 17 दिन बाद प्रशासन हरकत में आया, कलेक्टर ने जांच टीम गठित कर त्वरित रिपोर्ट मांगी।

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अफरीद के कन्या छात्रावास में गंदा काम! (Photo source- Patrika)

अफरीद के कन्या छात्रावास में गंदा काम! (Photo source- Patrika)

CG News: बहनीडीह ब्लॉक के गौरव ग्राम अफरीद के कन्या छात्रावास में गंदा काम होने की शिकायत कलेक्टर जनदर्शन में की गई थी। विडंबना यह है कि कलेक्टर ने उक्त आवेदन को रख लिया लेकिन आवेदन को गंभीरता से नहीं लिया। जब लोगों ने उसे रिमाइंडर कराया तो उन्होंने सोमवार को जांच टीम गठित की। जांच में चार-पांच अधिकारियों को शामिल किया है और तत्काल रिपोर्ट सौपने को कहा है।

CG News: आखिरकार मामला दब ही गया…

गौरतलब है कि अफरीद के एक ग्रामीण ने 19 सितंबर को कलेक्टर जनदर्शन में शिकायत की थी कि अफरीद के पोस्टमैट्रिक कन्या छात्रावास में गंदा काम हो रहा है। यहां की कुछ छात्राएं अपने युवा मित्रों की बुलातीं हैं। इससे अन्य छात्राओं में दहशत का माहौल है और छात्रावास शर्मसार हो रहा है। बताया जा रहा है कि कुछ युवक छत के ऊपर से कूदकर छात्रावास में प्रवेश कर जाते हैं। कुछ छात्राओं ने इसका जमकर विरोध किया और मामले की सूचना अधीक्षिका मनीषा जोल्हे को दी।

मनीषा ने मामले की जांच की और जांच में पाया कि वाकई में दो छात्राएं बदमाश किस्म की थीं। उनका आचरण देख छात्रावास अधीक्षिका ने उन्हें छात्रावास से बेदखल कर दिया है। यहां पर बड़ी बात यह सामने आई कि सारी बातों को अधीक्षिका ने वहीं पर दबा दिया और छात्राओं से स्पष्ट कहा कि इस मामले को कहीं और न बताना क्योंकि मंडल निरीक्षक व सहायक आयुक्त आदिवासी विभाग के संज्ञान में बात जाने पर उन पर ही कार्रवाई हो जाएगी। आखिरकार मामला दब ही गया। न जांच हुई न किसी तरह की कार्रवाई। सोमवार को कलेक्टर ने जांच टीम बनाई।

एक अधीक्षिका को चार छात्रावास का प्रभार

नियम के मुताबिक हर कन्या छात्रावास में महिला नगरसैनिकों की तैनाती होना जरूरी है, लेकिन अफरीद सहित कई छात्रावासों में नगरसैनिकों की पोस्टिंग नहीं है। इसके चलते कन्या छात्रावासों में सुरक्षा नाम की चीज नहीं है। गरीब वर्ग के अभिभावक अपनी लाडली बेटियों को सरकार के मत्थे छोड़कर शिक्षा के लिए बाहर भेजते हैं लेकिन उन्हें ऐसे छात्रावासों में शिक्षा के बजाए अपनी आबरू बचाने की पड़ी रहती है। हालांकि जांच टीम सोमवार को ही मुस्तैदी से काम शुरू कर दी है। जांच में एसडीएम, महिला एवं बाल विकास अधिकारी, तहसीलदार सहित अन्य अधिकारियों को शामिल किया गया है।

एक अधीक्षिका को चार-चार छात्रावास का प्रभार दिया गया है। जो पूरी तरह से गलत है। नियम के मुताबिक एक छात्रावास में एक ही अधीक्षिका को होना जरूरी है। क्योंकि उसे दिन रात उसी छात्रावास में रहकर सेवा देना है। जबकि अफरीद के छात्रावास अधीक्षिका को चार-चार छात्रावास का प्रभार दिया गया है। अफरीद की छात्रावास अधीक्षिका मनीषा जोल्हे ने खुद पुष्टि की और कहा कि वह अफरीद के अलावा बहनीडीह व बलौदा ब्लाक के दो छात्रावास अधीक्षिका पद की जिम्मेदारी उठा रहीं हैं। ऐसे में एक ही स्थान में सूक्ष्मता से सेवा दे पाना संभव नहीं है।

जनदर्शन की कार्रवाई पर सवाल?

CG News: सरकार आम जनो की शिकायत व समाधान कलेक्ट्रेट में निराकरण करने के लिए हर सोमवार को जनदर्शन कराती है। जनदर्शन में आम जनो की शिकायतों का फौरी तौर पर समाधान होता है। लेकिन इतने गंभीर मामले में न जांच न टीम न कार्रवाई नहीं होने से शिकायतकर्ता ने मामले की सूचना पत्रिका को दी। पत्रिका ने इस आशय की सूचना कलेक्टर को दी। कलेक्टर ने मामले को गंभीरता से लिया और तत्काल जांच टीम बनाई। जांच के बाद तत्काल रिपोर्ट सौपने के निर्देश दिए हैं।

अफसरों की टीम करेगी जांच

जन्मेजय महोबे, कलेक्टर, जांजगीर-चांपा: जनदर्शन में इस तरह की शिकायत मिली थी। शिकायत मिलने के बाद जांच टीम बनाई गई है। जो बहुत जल्द रिजल्ट देकर रिपोर्ट सौंपेगी। परिणाम भी बहुत निकलेगा।


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