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CG News: कफ सिरप से बच्चों की मौत के बाद भी प्रशासन सोया, जिले में बिना पर्ची हो रही बिक्री…

CG News: जांजगीर-चांपा जिले में कफ सिरप को लेकर स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही सामने आई है। मेडिकल स्टोर बिना डॉक्टर के पर्चे के दवाएं दे रहे हैं, जो बच्चों के लिए खतरनाक हो सकता है।

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CG News: कफ सिरप से बच्चों की मौत के बाद भी प्रशासन सोया, जिले में बिना पर्ची हो रही बिक्री...(photo-patrika)

CG News: कफ सिरप से बच्चों की मौत के बाद भी प्रशासन सोया, जिले में बिना पर्ची हो रही बिक्री...(photo-patrika)

CG News: छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले में कफ सिरप को लेकर स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही सामने आई है। मेडिकल स्टोर बिना डॉक्टर के पर्चे के दवाएं दे रहे हैं, जो बच्चों के लिए खतरनाक हो सकता है। कई राज्यों में रोक के बावजूद जिला मुख्यालयमें ही नियमों का उल्लंघन हो रहा है। डॉक्टर की सलाह के बिना कफ सिरप का सेवन बच्चों के लिए हानिकारक हो सकता है।

इससे स्पष्ट है कि जिम्मेदार विभाग के अधिकारी निरीक्षण व जांच के साथ कड़ाई नहीं बरत रहे है। कम से कम वर्तमान में पूरे देश में कफ सिरप को हाई अलर्ट हैं तो वर्तमान में बिना डॉक्टरी पर्ची के नहीं देना चाहिए। लेकिन दवा दुकान को कमाई से मतलब है, बाकी से कोई सरोकार नहीं है।

CG News: एमपी की तरह जिले में भी हो सकती है घटना

देश के कई राज्यों में कफ सिरप से बच्चों की मौत के बाद भी जांजगीर जिला मुयालय में स्वास्थ्य विभाग बेफिक्र है। यहां पर मेडिकल स्टोर पर अब भी बिना चिकित्सक के पर्ची के लोगों को कफ सिरप दिए जा रहे हैं तो कई जगहों पर चिकित्सकों द्वारा लिखे गए सीरप की जगह दूसरी कंपनी के सिरप पकड़ाए जा रहे हैं।

मंगलवार को पत्रिका ने इस मामले में आधा दर्जन मेडिकल स्टोर को चेक किया तो यह लापरवाही दिखाई दी। साथ ही लोग भी इसे लेकर जागरूक होते नहीं दिखाई दिए। बच्चों के बीमार होने पर लोग मेडिकल स्टोर पर जाकर सोधे दवाएं लेते दिखाई दिए।

जिम्मेदारों को निरीक्षण व कार्रवाई करने की फुर्सत ही नहीं

इसमें सर्दी, जुकाम और बुखार की दवाएं प्रमुख थी। मौसम के बाद अधिकांश लोग जुकाम से कफ जमने की शिकायत कर दवाएं ले रहे थे। ऐसे में यहां पर भी मेडिकल संचालक अपने मनमुताबिक कंपनी की दवाएं दे रहे थे। ज्ञात हो कि कफ सिरप से मध्यप्रदेश में 14 बच्चे की मौत हो गई। हालांकि वह कफ छत्तीसगढ़ में सप्लाई ही नहीं हुई है। लेकिन केन्द्र सरकार ने अलर्ट रहते हुए निर्देश जारी किए गए हैं।

जिसमें स्पष्ट है कि 2 साल के बच्चों को कफ सिरप तो देना ही नहीं है। बाकी 5 साल के तक के बच्चों को डॉक्टर पर्ची व डॉक्टरों के निगरानी में ही देना है। लेकिन जिले के दवा दुकान संचालक लापरवाही बरत रहे हैं। एकस्ट्रा कमाई के फेर में नियम कानून से खिलवाड़ किया जा रहा है। वर्तमान में कफ सिरप को केन्द्र सहित राज्य सरकार हाई अलर्ट मोड में है तो कम से वर्तमान में बिना डॉक्टर पर्ची के कफ सिरप न बेची जा रही है। जबकि बिना डॉक्टर के सलाह से दवा का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

सीधी बात

बीटीआई चौक स्थित दवा दुकान

पत्रिका: बच्चे के लिए कप सिरप चाहिए, खांसी है, मिल जाएगी

केमिस्ट: मिल जाएगा। डॉक्टर पर्ची की जरूरत नहीं है।

पत्रिका: कौन सा दीजिएगा

केमिस्ट. ले जाइए अच्छा वाला है। दो दिन में ठीक हो जाएगा।

पत्रिका: लेकिन बच्चे को पिलाएंगे कितना

केमिस्ट: ढाई एमएल सुबह-शाम पिला दीजिएगा ठीक हो जाएगा।

पत्रिका: वर्तमान में कफ से बच्चे की मौत हो रही है, कोई दिक्कत तो नहीं होगा ना।

केमिस्ट: सरकारी दवा में खराबी है, निजी में ले जा सकते है कोई भी कप सीरप

पत्रिका: दो साल के लिए बच्ची के लिए चाहिए

केमिस्ट: मेकबेरी कप सिरप ले जाओ

जानें.. समाधान क्या हो सकता है

  • दवा दुकानदारों पर निगरानी
  • स्वास्थ्य विभाग को ऐसे मेडिकल स्टोर्स पर कार्रवाई करनी चाहिए, जो बिना पर्ची दवाइयां बेच रहे हैं।
  • जन जागरूकता
  • लोगों को बताना चाहिए कि बिना डॉक्टर की सलाह दवा लेना खतरनाक हो सकता है।
  • स्कूलों और कॉलेजों में शिक्षा
  • खासतौर पर युवाओं को नशीली दवाओं के दुष्परिणामों के बारे में बताया जाए।
  • दो साल के बच्चे को देना ही नहीं है दवा, 5 साल के ऊपर को सावधानीपूर्वक

बच्चों की मौत की घटना के बाद खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने बच्चों में खांसी और जुकाम की दवाओं के सही और सुरक्षित उपयोग के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इस संबंध में मेडिकल संघ की बैठक भी ली जा चुकी है। एफडीए ने स्पष्ट किया है कि दो साल से कम उम्र के बच्चों को खांसी और जुकाम की दवाएं नहीं दी जानी चाहिए।

पांच साल से कम उम्र में ये दवाएं आमतौर पर सुरक्षित नहीं मानी जाती। पांच साल से अधिक उम्र के बच्चों में भी इन दवाओं का उपयोग केवल चिकित्सक की सावधानीपूर्वक जांच, उचित खुराक, न्यूनतम अवधि और सुरक्षित दवा संयोजन का पालन करते हुए किया जाना चाहिए।

बिना डॉक्टरी पर्ची के कोई भी कफ सिरप नहीं दी जानी है। इसके लिए दवा दुकान संघ की बैठक ली जा चुकी है। इसके बावजूद बिना डॉक्टरी पर्ची सिरप दे रहे हैं तो गलत है। जांच कर जिमेदार पर कार्रवाई की जाएगी। सभी डीआई द्वारा लगातार निरीक्षण दवा दुकान का किया जा रहा है।