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सफलता की कहानी टॉपर्स की जुबानी, तीसरे प्रयास में लखेश्वर CGPSC के टॉपर लिस्ट में शामिल, बने डिप्टी कलेक्टर

CGPSC Result 2023: लखेश्वर यादव ने बताया कि मैं विकंलाग हूं, लेकिन मुझे जरा भी अफसोस नहीं है। मेरे जैसे साथियों की बस सोंच को बदलने की जरूरत है। मुकाम हासिल करने के लिए हाथ-पैर की नहीं बल्कि हौंसलों की जरूरत पड़ती है।

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CGPSC Success Story: मेहनत करने वालों की दिव्यांगता बाधा नहीं बनती। मन में बस जोश व जुनून होना चाहिए। इस बात को चरितार्थ किया है अकलतरा विकासखंड के ग्राम हरदी महामाया के लखेश्वर यादव ने। जो कि हाथ पैर से दिव्यांग है। लखेश्वर ने पीएससी की परीक्षा पास कर डिप्टी कलेक्टर बना है।

लखेश्वर यादव ने बताया कि मैं विकंलाग हूं, लेकिन मुझे जरा भी अफसोस नहीं है। मेरे जैसे साथियों की बस सोंच को बदलने की जरूरत है। मुकाम हासिल करने के लिए हाथ-पैर की नहीं बल्कि हौंसलों की जरूरत पड़ती है। कक्षा पहली से 12 वीं तक सरस्वती शिशु मंदिर में पढ़ाई करने के बाद लखेश्वर बिलासपुर के साइंस कॉलेज में पढ़ाई पूरी की। वहां से ग्रेजुएशन करने के बाद वह जांजगीर में रहकर प्रदान एकेडमी में कोचिंग पूरी करते हुए यह मुकाम हासिल किया है।

लखेश्वर के पिता रेलवे के ग्रुप डी के छोटे कर्मचारी होने के बाद मुझे हमेशा कहते थे कि शिक्षक बन जा, लेकिन लखेश्वर ने मन में ठान लिया था कि उसे सिविल सर्विसेस की तैयारी कर एक बड़ा अफसर बनना है। आखिरकार वह डिप्टी कलेक्टर बन ही गया।

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रोज करता था छहघंटे तक पढ़ाई

लखेश्वर हर रोज 6 घंटे पढ़ाई करता था। यह उसकी डेली रूटीन में शामिल था। छोटे-छोटे टारगेट कम्प्लीट करने में विश्वास रखता था। पहले प्रयास में उसने प्री पास की। दूसरे प्रयास में भी उसे सफलता नहीं मिली। लेकिन उसने हार नहीं मानी। आखिरकार तीसरे प्रयास में उसका चयन डिप्टी कलेक्टर के रूप में हो गया।

गांव के युवाओं के लिए बने प्रेरणा स्रोत

लखेश्वर यादव अब गांव के उन युवकों के लिए प्रेरणास्त्रोत बन चुके हैं जो शारीरिक रूप से पूरी तरह स्वस्थ रहकर भी इस तरह की बड़ी परीक्षा को पास नहीं कर पा रहे हैं। लखेश्वर ने युवाओं से कहा कि लगन से पढ़ाई करने में हर बड़ी परीक्षा में मुकाम हासिल किया जा सकता है।