
Cyclone Fengal In CG: जांजगीर-चांपा में शनिवार के बाद रविवार को दिनभर ठंडी हवा चली। साथ ही जिले में कई जगह तेज बारिश भी हुई। इससे जिलेवासियों को कंपकंपाने वाली सर्दी का अहसास हुआ। सुबह से ही लोग गर्म कपड़े में नजर आए। अधिकतम तापमान 25.8 डिग्री दर्ज की गई। लगातार अधिकतम तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है। मौसम विभाग की मानें तो दो से तीन मौसम ऐसा ही रहने का संभावना है।
बीते मानसून के सीजन में बंगाल की खाड़ी से बहुत कम पानी मिला। जून व जुलाई में बंगाल की खाड़ी में सिस्टम बने, लेकिन इसका असर जिले तक नहीं आ पाए। केवल अगस्त में एक सिस्टम आया, जिससे झमाझ बारिश हुई। कुछ ऐसा ही ठंड के सीजन में देखने को मिल रहा है।
मौसम विभाग रायपुर के निदेशक एचपी चंद्रा के अनुसार दक्षिण पश्चिम बंगाल के खाड़ी में बना चक्रवात फेंजल का लैंडफाल हो चुका है। बंगाल की खाड़ी से वातावरण के निम्न स्तर पर प्रचुर मात्रा में नमी का आगमन लगातार जारी है। इसके प्रभाव से प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में निम्न स्तर और मध्य स्तर के बादल छाए हुए हैं। बारिश हो रही है। 2 दिसंबर को हल्की से हल्की वर्षा होने होने की संभावना है। 4 दिसंबर के छंटाई प्रारंभ होने की संभावना है। आकाश साफ होने की संभावना है, इसके बाद फिर ठंड बढ़ेगी। कुल मिलाकर अभी ठंड से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है।
मौसम विज्ञानी गायत्रीवाणी कांची भोटला ने बताया कि 4 या 5 दिसंबर के बाद से प्रदेश के न्यूनतम तापमान में गिरावट देखने को मिलेगी। न्यूनतम तापमान में गिरावट आने से ठंड भी बढ़ जाएगी। मौसम विभाग की माने तो आने वाले तीन दिनों तक छत्तीसगढ़ के अधिकतम और न्यूनतम तापमान में कोई खास परिवर्तन नहीं होगा। बस्तर संभाग में बारिश हो सकती है।
जिले में शनिवार को अचानक मौसम ने करवट ली। दोपहर के बाद ठंडी हवा चलती रही। यह दौर दूसरे दिन रविवार को सुबह से शुरू हो गई। सुबह से बादल छाए रहे। इसके बाद जिले के कई क्षेत्रों में अचानक काले बादल घिर आए। फिर बिर्रा, बम्हनीडीह, शिवरीनारायण व सक्ती जिले के डभरा, चंद्रपुर क्षेत्र में तेज बारिश शुरू हो गई।
बारिश के बाद ठंडी हवा और ज्यादा चलनी शुरू हो गई। इसके बाद कोल्ड डे का अहसास हुआ। अधिकतम तापमान में 25.8 डिग्री दर्ज की गई। वहीं रात का तापमान 15 डिग्री रहा। आने वाले दिनों में ठंडक और बढ़ने के मामले में यह साल पिछले 10-12 सालों में सबसे अलग ही बीत रहा है। इसके बाद अंतिम में कुछ दिन रुक-रुककर बारिश हुई, जो औसत बारिश थोड़ा सा ज्यादा बरसा।
सीजन में किसी दिन भी बारिश की झड़ी नहीं लगी। साथ ही हर साल शिवरीनारायण में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होती थी, लेकिन इस बार एक दिन भी शबरी पूल नहीं डूबा। इसके बाद कार्तिक माह में ठंड का अहसास ही नहीं हुआ। अब नवंबर के पखवाड़े भर बीतने के बाद ठंड की आहट हुई। साथ ही अब माह के अंतिम सप्ताह में कंपकंपाने वाली ठंड पड़ रही है। चक्रवात फेंजल का असर जिले में भी देखने को मिला।
Updated on:
02 Dec 2024 01:27 pm
Published on:
02 Dec 2024 01:26 pm
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