
जांजगीर-चांपा. लगातार हो रहे मौसम में बदलाव का असर अब फसलों में भी पड़ रहा है। तेज हवा और बूंदाबांदी से बीज और फूल वाली सब्जियों पर काफी असर पड़ा है। साथ ही धान, गेहूं और चना की फसलों को भी नुकसान हुआ है, जो किसानों के लिए मुसीबत साबित हो रही है।
लगातार मौसम का मिजाज बदल रहा है। दिनभर बादल छाए रहने की वजह से बीज वाली फसल धनिया, मेथी के बीज में फफूंद पडऩे का खतरा बना हुआ है, जबकि तेज हवाएं चलने से फूल वाली फसल टमाटर, मिर्च, लौकी व बैगन के ज्यादातर फूल भी झड़ गए। हालांकि ज्यादातर बड़े किसान अपनी फसलों का बीमा करवा चुके हैं।
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सहायक उद्यानिकी अधिकारी ने बताया कि इस समय ज्यादातर किसान सब्जियों का उत्पादन शुरू करते हैं, जो किसानी उत्पादन के लिए थरहा डाल चुके हैं। उन्हें कुछ नुकसान हुआ होगा। बड़े किसान सालभर फसलों का उत्पादन करते हैं, जिससे वे फसलों को बचाने की व्यवस्था पहले से कर लेते हैं।
इस प्रकार के मौसम से सिर्फ 10-12 प्रतिशत फसलों को नुकसान हुआ। वहीं धान का फसल अब पक कर तैयार हो रहा है, जिसकी कटाई की जा रही है। बताया जा रहा है कि गांवों में धान काटने मजदूरों की कमी बनी हुई है। इसके चलते किसान परेशान हैं। गांवों के लोग इस समय रोजगार के लिए अन्य प्रदेशों में गए हुए हैं।
हॉस्पिटल में मरीजों की बढ़ी संख्या
मौसम वैज्ञानिकों ने बताया कि 13 मई तक मौसम में इसी प्रकार का बदलाव होता रहेगा। बुधवार को सुबह से ही आसमान में बादल छाया रहा है। इससे लोगों को गर्मी से राहत तो मिली, लेकिन उमस से लोग परेशान रहे। मौसम में बदलाव की वजह से हॉस्पिटल में सर्दी, खांसी और डायरिया के मरीजों की संख्या बढ़ी है। बुधवार को हॉस्पिटल की ओपीडी अधिक दर्ज की गई।
रबी फसल को भी नुकसान
मौसम में हो रहे बदलाव से रबी फसलों को भी नुकसान हो रहा है। चना और गेहूं फसलों की कटाई हो गई है। इससे इन फसलों को कोई खतरा नहीं है। वहीं धान की कटाई में अभी समय है। यदि तेज आंधी तूफान से फसल सो गई हो, तो नुकसान का खतरा बढ़ जाता है। समय पर कीटनाशकों का छिड़काव करने पर कीट प्रकोप से बचा
सकते हैं।
सब्जियों में कीट प्रकोप का खतरा
कृषि विशेषज्ञों ने बताया कि इस प्रकार मौसम में बदलाव के कारण सब्जियों में कीट प्रकोप का खतरा भी बढ़ जाता है। सब्जियों को कीट प्रकोप से बचाने के लिए समय पर कीटनाशक का छिड़काव करना जरूरी है। इस समय किसान गड्ढा कर हल्दी, अदरक व आलू के जड़ को खुला छोड़ देते हैं। बारिश होने पर फसलों में अंकुरण आ जाता है, जो काफी बड़ा नुकसान है। इससे बचना चाहिए।
Published on:
17 May 2018 01:27 pm
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