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Navratri 2025: महामाया मंदिर की ख्याति विदेशों तक… सप्तमी की रात शेर पर सवार होकर आती है मां, जानें मान्यता

Navratri 2025: मंदिर के पुजारी ने बताया कि सप्तमी की रात शेर पर सवार होकर मां महामाया मंदिर में आती हैं। रात 12 बजे विशेष पूजा के बाद मंदिर के पर पूरी तरह बंद कर दिए जाते हैं।

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Navratri 2025: फोटो सोर्स – Freepik

Navratri 2025: फोटो सोर्स – Freepik

Navratri 2025: जांजगीर-चांपा जिले के महामाया मंदिर हरदी की ख्याति देश के महानगरों से लेकर विदेश तक है। यहां विदेशी भक्त भी मां की ज्योति कलश जलवा रहे है। अमेरिका का एक भक्त ऐसा भी है जो आजीवन ज्योति कलश जलवा रहा है। यहां मान्यता के अनुसार सप्तमी रात को मंदिर में मां दुर्गा आती है। इससे यहां इस दिन भक्तों का हुजुम उमड़ पड़ता है। कई भक्त तो लोट मारते हुए भी यहां पहुंचते है।

विदेशों में रहने वाले भक्तों ने भी जलवाए ज्योति कलश

नवरात्र पर्व पर पूरा जिला भक्तिमय हो गया है। सभी दिशाओं में दिनभर माता जसगीत व जयकारे की गूंज सुनाई दे रही है। गांव-गांव में महिला पुरूषों की टोली मांदर की थाप पर माता जसगीत में लीन है। बलौदा-जांजगीर मार्ग पर जांजगीर से 15 किमी दूर ग्राम हरदी में क्षेत्र का प्रसिद्ध मंदिर महामाया मंदिर है। यहां क्वांर तथा चैत्र नवरात्र में दूर-दूर से हजारों की संख्या में श्रद्धालु मां के दर्शन के लिए पहुंचते हैं। मनोकामना ज्योति कलश प्रज्जवलित कराते हैं। इनकी ख्याति दूर-दूर तक फैली हुई है। इस मंदिर में महानगर सहित विदेश से ज्योति जलाने का संकल्प भक्तों ने लिया।

मंदिर में आती हैं मां महामाया

महामाया मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष सुधराम यादव ने बताया कि यहां इस बार महानगर दिल्ली के अलावा विदेश से भी भक्त ज्योति कलश जलवा रहे है। इसमें अमेरिका से दो लोग शामिल है। जिसमें एक आजीवन ज्योति कलश जलवा रहा है। इस मंदिर की ख्याति दूर-दूर तक फैली हुई है। यहां महामाया को नीम पेड़ के नीचे स्थापित है। यहां शाम के समय महाआरती की जाती है। जिसमें हर रोज बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते है। समय के साथ मां महामाया की ख्याति बढ़ने लगी।

मंदिर के पुजारी ने बताया कि सप्तमी की रात शेर पर सवार होकर मां महामाया मंदिर में आती हैं। रात 12 बजे विशेष पूजा के बाद मंदिर के पर पूरी तरह बंद कर दिए जाते हैं। इस दौरान मंदिर के अंदर पात्र में पंचमेवा और हलुआ के साथ ही लौंग, इलायची व अन्य भोग की सामग्री गिनकर मां को अर्पित करने रखी जाती है।

महानगर व विदेश से जलवाया ज्योति

यहां पर 2174 ज्योति प्रज्जवलित किए है। जिसमें घृत जवा 72, तेल जवा 273, घृत ज्योति 109, तेल ज्योति 1669 ज्योति कलश प्रज्जलित किए गए है। जिसमें महानगर दिल्ली व मुंबई के अलावा अस्टेलिया, कर्नाटक, मध्यप्रदेश सहित अन्य प्रदेश शामिल है।