
जांजगीर-चांपा. सड़क सुरक्षा सप्ताह पर दी जा रही विशेष खबरों में नवागढ़ थाना अंतर्गत स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय के पास 24 फरवरी 2017 को हुई सड़क दुर्घटना में 22 वर्षीय युवक अजय कुमार की मौत हमें दो बड़ी सीख देती है। पहली सीख कि मोड़ पर कभी भी वाहन को तेज रफ्तार में न चलाएं और दूसरा यह कि वाहन जितने लोगों के बैठने की क्षमता को लेकर बनाया गया है उतने ही लोग बैठें। अजय ने इन दोनों नियम का पालन नहीं किया नतीजा वह तो इस दुनिया से चला गया, लेकिन उसकी याद में उसका पूरा परिवार आज भी तड़प रहा है।
पामगढ़ थाना अंतर्गत भड़ेसर गांव निवासी दुखीराम यादव का बेटा अजय काफी खुशदिल था और टीसीएल महाविद्यालय में बीकॉम का छात्र था। 24 फरवरी को वह अपने मित्र कृष्णा यादव और भीम साहू के साथ बाइक से महाशिवरात्रि के दिन नवागढ़ का मेला देखने गया था। वहीं से उसने नवागढ़ थाना अंतर्गत नेंगुडीह में स्थित अपने बड़े भाई हसदेव की ससुराल जाने का फैसला किया।
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तीनों बाइक से तेज रफ्तार में नेंगुडीह के लिए जा रहे थे। वह जैसे ही जवाहर नवोदय विद्यालय नवागढ़ के पास पहुंंचे अचानक आए मोड़ पर अजय बाइक को कंट्रोल नहीं कर पाया। तीन सवारी बैठे होने से बाइक भी असंतुलित हो गई और पेड़ से टकरा गई। इससे सिर व सीने में चोट आने से अजय की मौके पर ही मौत हो गई और उसके साथ बाइक में बैठे कृष्णा का पैर टूट गया तो वहीं भीम के सिर में गहरी चोट आई। अजय की एक छोटी से गलती से उसका हंसता खेलता परिवार दुख के सागर में डूब गया है।
संकेतक बोर्ड व ब्रेकर न बनाने की भी है गलती
इस दुर्घटना में जितनी गलती अजय की है उतनी ही गलती शासन प्रशासन की भी सामने आ रही है। जिस जगह पर यह दुर्घटना हुई वहां मोड़ को लेकर एक भी संकेतक बोर्ड नहीं लगाया गया और न ही वहां ब्रेकर बनाया गया। यदि यह किया गया होता शायद अजय बोर्ड व ब्रेकर देखकर बाइक की रफ्तार धीमी कर लेता और उसकी बाइक असंतुलित नहीं होती।
Published on:
27 Apr 2018 05:54 pm
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