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Jhalawar Farmer Protest: CM से मिलने के आश्वासन के बाद खत्म हुआ महापड़ाव, किसान बोले ‘यदि मुलाक़ात नहीं हुई तो…’

किसानों का कहना है कि मुख्यमंत्री से 13 या14 सितंबर को मिलने की बात कही गई है। यदि मुख्यमंत्री नहीं मिलते है तो फिर से महापड़ाव शुरू किया जाएगा।

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फोटो: पत्रिका

Jhalawar Farmer Mahapadav: जिला और प्रदेश स्तरीय विभिन्न मांगों को लेकर जिले के किसान मंगलवार को दूसरे दिन भी मिनी सचिवालय पर डटे रहे। कोटा से पहुंचे संभागीय आयुक्त से वार्ता में मुख्यमंत्री से मिलने और कई मांगों पर सहमति बनने के बाद किसानों ने रात को महापड़ाव को खत्म कर दिया।

किसानों का कहना है कि मुख्यमंत्री से 13 या14 सितंबर को मिलने की बात कही गई है। यदि मुख्यमंत्री नहीं मिलते है तो फिर से महापड़ाव शुरू किया जाएगा। इससे पूर्व दिन में किसानों ने सरकार और प्रशासन के लिए सद्बुद्धि यज्ञ किया। प्रदेश के नौ जिलों से आए किसान भी महापड़ाव में शामिल हुए।

अपनी 51 सूत्रीय मांगों को लेकर भारतीय किसान संघ के बैनर तले सोमवार शाम से जिले भर के किसानों ने मिनी सचिवालय के बाहर अनिश्चितकालीन महापड़ाव शुरू कर दिया था।

मंगलवार को किसान दिनभर मिनी सचिवालय परिसर और हाइवे पर बैठे रहे। इस दौरान अतिरिक्त जिला कलक्टर अभिषेक चारण कई बार किसानों के बीच आए और सरकार की मंशा उनके सामने रखी लेकिन किसान नहीं माने।

शाम को करीब साढ़े सात बजे कोटा से कार्यवाहक संभागीय आयुक्त पीयूष समारिया झालावाड़ पहुंचे। उनकी किसान नेताओं के साथ कलक्टर के कमरे में वार्ता हुई। वार्ता में जिला स्तरीय समस्याओं का समाधान जिला कलक्टर के स्तर पर करने की सहमति बनी। वहीं प्रदेश स्तरीय मांगों के संबंध में किसानों का प्रतिनिधिमंडल 13 या 14 सितंबर को जयपुर में मुख्यमंत्री से मिलेगा। इसके बाद किसानों के बीच आकर जिला कलक्टर ने वार्ता के बारे में जानकारी दी। इसके बाद महापड़ाव खत्म करने की घोषणा की गई।

खुले आसमां के नीचे सोए

सोमवार रात को जिला कलक्टर और पुलिस अधीक्षक किसानों से बातचीत की, लेकिन वार्ता विफल रही। इसके बाद किसान रात को मिनी सचिवालय परिसर और हाइवे के किनारे सड़क पर खुले आसमां के नीचे सोए। रात को किसानों ने भजन-कीर्तन भी किए। एसडीएम अभिषेक चारण ने मंगलवार को दिन में धरना स्थल पर किसान नेताओं से वार्ता की। बाद में जिला कलक्टर कक्ष में चारण ने किसान संघ के पदाधिकारियों के साथ चर्चा की, लेकिन वार्ता में सहमति नहीं बनने से वे दस मिनट बाद ही बाहर आ गए।

जिलाध्यक्ष की तबियत बिगड़ी

महापड़ाव स्थल पर धूप और भारी उमस के चलते संघ के जिलाध्यक्ष राधेश्याम गुर्जर की तबियत बिगड़ गई। वहां मौजूद चिकित्सा विभाग की टीम ने उनका उपचार किया। गुर्जर को ड्रिप चढ़ाई गई। मुय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. साजिद खान ने बताया कि गुर्जर का बीपी बढ़ गया था। उन्हें दवा दी गई। शरीर में पानी की कमी को देखते हुए ड्रिप भी चढ़ाई गई।

तीन चिकित्सक, 8 नर्सिंगकर्मी तैनात

महापड़ाव को देखते हुए चिकित्सा विभाग ने मौके पर तीन चिकित्सक और 8 नर्सिंगकर्मी तैनात किए गए थे। वहां दो एम्बुलेंस भी खड़ी की गई। उमस को देखते हुए चिकित्सा विभाग ने वहां ओआरएस की प्याऊ भी लगाई, जहां किसानों को ओआरएस युक्त पानी पिलाया जा रहा है।

कढ़ी-पुड़ी खिलाई

महापड़ाव में बैठे करीब तीन हजार किसानों के लिए मौके पर ही कढ़ी, सब्जी, पुड़ी और दाल.बाटी बनाई गई। मिनी सचिवालय परिसर के अंदर कड़ाही पर हलवाई पुड़ी तलते नजर आए।

आठ दिन पहले सूचना दे दी थी

संघ के प्रदेश महामंत्री तुलसाराम सीवर ने कहा कि आठ दिन पहले जिला प्रशासन को सूचना दी थी कि किसान शक्ति संगम रैली में कृषि मंत्री या राज्य स्तर के सचिव किसानों से वार्ता करें, लेकिन 24 घंटे बीत जाने के बाद भी राज्य स्तर का अधिकारी किसानों के बीच में नहीं आया। किसान महापड़ाव अनवरत जारी रखेेंगे। किसान महापड़ाव अनवरत जारी रखेंगे। किसानों को अखिल भारतीय जनजाति क्षेत्र प्रमुख मनीराम लबाना, पदम श्री किसान हुकुमचंद पाटीदार, प्रदेश मंत्री रघुनाथ सिंह, प्रांत महामंत्री अंबालाल शर्मा चित्तौड़ प्रांत संगठन मंत्री परमानंद, प्रांत पशुपालन एवं डेयरी प्रमुख श्रीकृष्ण पाटीदार, कोटा जिला अध्यक्ष जगदीश कलमंडा ने संबोधित किया।