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विश्व हिंदू परिषद मंदिर स्वराज एवं जनसंख्या असंतुलन पर चलाएगी राष्ट्रव्यापी अभियान: मिलिंद परांडे

विश्व हिंदू परिषद वर्तमान में हिंदू मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कराने के उद्वेश्य से देशव्यापी अभियान चलाने जा रही है। इस के तहत हिंदू जनमानस के बीच जन जागरण चलाया जा रहा है।

झांसी

anoop shukla

Jun 12, 2025

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फोटो सोर्स : VHP, हिंदू मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने के लिए चलाया जाएगा राष्ट्रव्यापी अभियान

विश्व हिन्दू परिषद् के केन्द्रीय संगठन महामंत्री मिलिंद परांडे ने आज झांसी के सर्किट हाउस में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि भारतवर्ष में हिंदू मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कराने के उद्देश्य से विश्व हिंदू परिषद् ने देशव्यापी जनजागरण अभियान आरंभ किया है।

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आंध्रप्रदेश के विजयवाड़ा नगर से ऐतिहासिक अभियान की शुरुआत

इस ऐतिहासिक अभियान की शुरुआत आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा नगर में एक विशाल सभा एवं संत-समागम के माध्यम से हुई, जिसमें देशभर के संत-महात्मा, धर्माचार्य, मंदिर ट्रस्टी, वैदिक विद्वान तथा सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे। मंदिर केवल पूजा स्थल नहीं, अपितु हिंदू समाज की आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और आर्थिक चेतना के केंद्र हैं।

हिंदू मंदिरों के साथ भेदभाव क्यों?

मंदिरों पर सरकारी नियंत्रण धार्मिक स्वतंत्रता, न्याय और समानता के सिद्धांतों के विरुद्ध है। आगे उन्होंने कहा कि जब चर्च, मस्जिद पर राज्य का नियंत्रण नहीं है, तो केवल हिंदू मंदिरों के साथ भेदभाव क्यों? यह अभियान केवल एक संगठन का नहीं, अपितु सम्पूर्ण हिंदू समाज की चेतना का प्रतीक है। विश्व हिंदू परिषद् भारत भर के धर्म प्रेमी नागरिकों से आह्वान करती है कि वे इस अभियान से जुड़ें और अपने मंदिरों को पुनः स्वाधीन करने की दिशा में सक्रिय भूमिका निभाएँ।

हिंदुओं का जनसंख्या असंतुलन गंभीर समस्या

मिलिंद जी ने कहा कि भारत की हिन्दू जनसंख्या की संरचना में हो रहा धार्मिक असंतुलन अब राष्ट्र की सांस्कृतिक, सामाजिक और सुरक्षा व्यवस्था के लिए एक गहरी चिंता का विषय बन गया है। इस असंतुलन के पीछे कई योजनाबद्ध कारण कार्य कर रहे हैं, जिनमें विशेष रूप से धार्मिक मतांतरण, लव जिहाद, बांग्लादेश और म्यांमार से हो रही मुस्लिम घुसपैठ, और हिंदू समाज में घटती जन्मदर शामिल हैं।

व्यक्तिगत नहीं, बल्कि सांस्कृतिक हमला

हिन्दू जनसंख्या असंतुलन के प्रमुख कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि सुनियोजित रूप से आर्थिक प्रलोभन, छल कपट या दबाव के माध्यम से मिशनरियों द्वारा हो रहे धर्मांतरण ने कई क्षेत्रों में स्थानीय हिंदू जनसंख्या को कम किया है। एक सुनियोजित रणनीति के तहत मुस्लिमों के एक वर्ग द्वारा हिंदू युवतियों को फँसाकर उनका मतांतरण कराया जा रहा है, जो केवल व्यक्तिगत नहीं, बल्कि सांस्कृतिक हमला है।

रोहिंग्या मुस्लिम घुसपैठियों की संख्या चिंताजनक

सीमावर्ती राज्यों जैसे असम, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और अब दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान जैसे राज्यों में रोहिंग्या मुस्लिम घुसपैठियों की संख्या चिंताजनक रूप से बढ़ रही है। शिक्षा और आर्थिक दृष्टिकोण से जागरूक हिंदू समाज में परिवार सीमित रखने की प्रवृत्ति है, परंतु बाकी वर्गों में इस पर कोई नियंत्रण नहीं है, जिससे असंतुलन और तेज़ होता जा रहा है।

हिंदू समाज में घट रही है जन्मदर

हाल ही में संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (UNFPA) की रिपोर्ट ने भारत में जनसंख्या वितरण की गहराई से समीक्षा प्रस्तुत की है। रिपोर्ट के अनुसार, कुछ वर्गों में जन्मदर जहाँ स्थिर या बढ़ती हुई है, वहीं हिंदू समाज में यह दर घट रही है। भारत के स्थायित्व, संस्कृति और एकता की रक्षा की आवश्यकता है कि सभी राष्ट्रप्रेमी नागरिकों, संतों, सामाजिक संगठनों और बुद्धिजीवियों से अपील है कि वे इन विषयों पर जनजागरण में सहभागी बनें।

पत्रकार वार्ता में विहिप के क्षेत्र संगठन मंत्री गजेन्द्र, प्रान्त उपाध्यक्ष विनोद अग्रवाल, प्रान्त मंत्री राजू पोरवाल, प्रान्त प्रचार प्रसार प्रमुख ओमेन्द्र अवस्थी भी उपस्थित रहे।