
Electricity bill File Photo: Patrika
आमजन के बिल बकाया होने के कुछ माह बाद ही बिजली निगम उनके घरेलू कनेक्शन काट देता है वहीं सरकारी महकमों पर करोड़ों रुपए बकाया चल रहे हैं। जिले के एक दर्जन से अधिक सरकारी विभागों पर लगभग 22 करोड़ 60 लाख रुपए से अधिक का बिजली बिल बकाया चल रहे हैं। अकेले नगर परिषद का बिल करीब 16 करोड़ 66 लाख रुपए से अधिक हो गया है। इसके अलावा जलदाय विभाग पर 5 करोड़ रुपए, पुलिस विभाग पर लगभग 8 लाख 14 हजार रुपए और प्रशासनिक कार्यालयों पर 19 लाख 45 हजार रुपए बकाया है। वहीं कलक्ट्रेट का करीब 19 लाख रुपए का बिजली बिल बकाया है।
निगम अधिकारियों का कहना है कि सरकारी विभागों को समय-समय पर बकाया जमा कराने के लिए नोटिस दिए जा रहे हैं। लेकिन वास्तविकता यह है कि कई विभागों ने वर्षों से बिल का बड़ा हिस्सा जमा नहीं कराया। नगर परिषद इसका सबसे बड़ा उदाहरण है, जो हर महीने नोटिस मिलने के बावजूद 16 करोड़ से ज्यादा बकाया चुका नहीं पा रही।
लोगों का कहना है कि जब निगम आम उपभोक्ताओं के साथ इतनी सख्ती करता है तो सरकारी विभागों को इतनी रियायत क्यों दी जा रही है? आम उपभोक्ताओं का कहना है कि बिजली विभाग की कार्रवाई में साफ तौर पर दोहरी नीति अपनाई जा रही है। यदि किसी ग्रामीण या शहरी उपभोक्ता का 10 से 20 हजार रुपए का बिल बकाया हो जाए तो निगम बिना देर किए कनेक्शन काट देता है।
मार्च 2024 तक के सभी बिल सरकार ने समायोजित कर दिए थे। उसके बाद कोई बिल रोड लाइट व अन्य के हो सकते हैं।
दिलीप पूनिया, आयुक्त नगर परिषद
Published on:
23 Aug 2025 02:52 pm
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