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झुंझुनूं के नवलगढ़ उपखंड के जाखल गांव के लोगों ने साबित कर दिया है कि समाज सेवा के लिए पैसों की नहीं, बल्कि छोटे-छोटे संकल्पों की जरूरत होती है। वर्ष 2007 में गुढ़ागौडज़ी में आयोजित भागवत कथा में रैवासा धाम के पीठाधीश्वर राघवाचार्य ने 1 रुपए का महत्व बताया।
प्रेरित होकर जगदीश सिंह शेखावत और सुरेंद्र कुमार पारीक ने गांव आकर लोगों से चर्चा की और ‘मेरा संकल्प’ नाम से संस्था का गठन किया। प्रारंभ में 74 सदस्य जुड़े और हर सदस्य ने प्रतिदिन 1 रुपए चंदा देना शुरू किया।
आज 775 से अधिक सदस्य जुड़े हुए हैं।सदस्य अपनी कमाई से संस्थान के लिए एक रुपया प्रतिदिन निकालते हैं। इन 18 वर्षों में संस्था ने करीब 25 लाख रुपए जुटाकर जरूरतमंदों की मदद, गरीब बच्चों की पढ़ाई, दिव्यांगजनों की सहायता, गौसेवा और अन्य सामाजिक कार्यों में खर्च किए हैं। ऐसे में अब तक 3,639 लोगों की मदद हो गई है।
नए काम के लिए बैठक होती है और सभी की सहमति से निर्णय लेते हैं। जो सदस्य बैठक में शामिल नहीं हो पाते, उनकी सहमति लेते हैं। सदस्य जगदीश सिंह शेखावत, सुरेंद्र पारीक, महेंद्र सिंह शेखावत, संजय मीणा, राजेश मूंड, पंकज कुमावत, रूस्तम अली, गीगाराम, महिपाल, रमेश जांगिड़, मनोज कुमावत, रामलाल माहिच और एडवोकेट नरेंद्र सिंह शेखावत आदि संस्था की देखरेख करते हैं।
आयोजनों में राजनेता या अधिकारी नहीं, बल्कि केवल साधु-संत ही अतिथि बनाए जाते हैं। संस्था समय-समय पर जरूरतमंदों को कंबल, बर्तन, रजाई, स्वेटर, विद्यार्थियों को बैग व पाठ्य सामग्री, गोसेवा जैसे अनेक कार्य करती है। हर साल आयोजन होता है, जिसमें अलग-अलग कार्यों के लिए धन राशि खर्च की जाती है।
Updated on:
29 Sept 2025 02:08 pm
Published on:
29 Sept 2025 01:16 pm
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