scriptबहुचर्चित भंवरी देवी अपहरण आैर हत्या मामले को लेकर आई बड़ी खबर | Bhanwari Devi Rajasthan Case - CBI new Video Evidence | Patrika News

बहुचर्चित भंवरी देवी अपहरण आैर हत्या मामले को लेकर आई बड़ी खबर

locationजोधपुरPublished: May 03, 2019 09:30:22 am

Submitted by:

santosh

Bhanwari Devi अपहरण आैर हत्या मामले में हाईकोर्ट में सीबीआइ ने एफबीआइ की अधिकारी अम्बर बी कार की गवाही वीडियो कांफ्रेंसिंग से करवाने को लेकर दायर निगरानी याचिका पर बचाव पक्ष ने पक्ष रखा।

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जोधपुर। बहुचर्चित एएनएम bhanwari devi आैर हत्या मामले में हाईकोर्ट में गुुरुवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो ( CBI ) ने अमरीकी जांच एजेंसी fbi की अधिकारी अम्बर बी कार की गवाही वीडियो कांफ्रेंसिंग से करवाने को लेकर दायर निगरानी याचिका पर बचाव पक्ष ने पक्ष रखा। कोर्ट ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद जस्टिस पीके लोहरा ने फैसला सुरक्षित रख लिया। सीबीआइ ने गत 25 जनवरी को पारित आदेश को निगरानी याचिका दायर कर चुनौती दी थी। सीबीआइ के प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए कोर्ट ने याचिका की सुनवाई शुरू की थी।
बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता जगमालसिंह चौधरी, अधिवक्ता हेमंत नाहटा व संजय विश्नोई ने बहस कर कहा कि सीबीआई की यह याचिका मेंटेनेबल नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले दो साल से डीएनए एक्सपर्ट को बुलाने के लिए समन जारी किए जा रहे हैं, लेकिन अभी तक सीबीआइ की ओर से एक बार भी उसे पेश नहीं किया गया। पिछले 8 महीने से तो इस मामले में अभियोजन पक्ष के किसी गवाह के बयान नहीं हुए, केवल डीएनए एक्सपर्ट के बयान बाकी हैं। अम्बर बी कार की गवाही वीसी के जरिए कराने को लेकर सीबीआइ ने छह बार ट्रायल कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया, लेकिन सभी प्रार्थना पत्र ट्रायल कोर्ट के स्तर पर खारिज किए गए। सीबीआइ ने सितंबर 2018 से लेकर अब तक ट्रायल कोर्ट में 34 बार एडजोर्नमेंट लिया है। बचाव पक्ष ने यह भी कहा कि मामले को बेवजह लंबा किया जा रहा है।
उन्होंने यह भी तर्क दिया कि सीआरपीसी में वीसी से गवाही कराने का कोई प्रावधान नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि गत 31 दिसंबर को जारी नए क्रिमिनल रूल्स में भी वीडियो टेली कॉन्फ्रेंसिंग से संबंधित कोई नियम जारी नहीं किए गए। बचाव पक्ष ने यह भी तर्क दिया कि सीबीआइ इस मामले में लगातार अपना स्टैंड बदल रही है। कभी तो अमरीकी गवाह को बुलाने के लिए समन जारी करवा रही है तो कभी वीसी के लिए गवाही करवाने के लिए प्रार्थना पत्र पेश कर रही है। बचाव पक्ष ने तर्क दिया कि निचली अदालत का आदेश पूरी तरह से उचित है, इसलिए सीबीआइ की यह याचिका खारिज की जाए। बचाव पक्ष द्वारा अपनी बहस पूरी करने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया।
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