
डीएमआइसी प्रोजेक्ट मैप। फोटो- पत्रिका
पिछले 10 साल से कागजों में रेंग रहा दिल्ली-मुबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर अब गति पकड़ सकता है। पहली बार राज्य सरकार की ओर से इसका मास्टर प्लान बनाने के साथ ही नोटिफाइड गांवों में औद्योगिक विकास के लिए 465 करोड़ का बजट जारी किया गया है। इससे औद्योगिक क्षेत्रों की आधारभूत सुविधाओं का विकास हो सकेगा। जोधपुर व पाली सहित पश्चिमी राजस्थान के बड़े हिस्से को इससे लाभ होगा।
इस प्रोजेक्ट को पिछले 10 साल से अधिक समय से कागजों में चलाया जा रहा है। डीएमआइसी के पांच नोड राजस्थान में चिह्नित किए गए हैं। पिछले साल केन्द्र सरकार ने इसे राष्ट्रीय औद्योगिक परियोजना में शामिल किया था। इस नोड को धरातल पर उतारने के लिए जमीन की अवाप्ति सहित अन्य दिक्कतें आ रही है। फिलहाल पाली जिले के रोहट सहित नौ राजस्व गांवों को इसमें नोटिफाइड किया गया है। आगे इसका विस्तार आस-पास के क्षेत्रों में भी होगा।
जोधपुर पाली इंडस्ट्रियल एरिया के प्रथम फेज में औद्योगिक इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा करने के लिए 465 करोड़ का बजट दिया गया है। रीको की ओर इसके लिए टेंडर प्रक्रिया भी अपनाई जा रही है। इसमें सिविल विकास जैसे उद्योगों के लिए सड़कें, बिजली-पानी और ड्रेनेज की सुविधाएं विकसित किया जाएगी। इस काम को पूरा करने की अवधि ढाई साल रखी गई है।
यह प्रोजेक्ट रेलवे के डेडिकेटेट फ्रेट कॉरिडोर के आस-पास विकसित किया जाता है। ऐसे में लॉजिस्टिक ट्रांसपोर्ट के लिए काफी महत्वपूर्ण है। फ्रेट कॉरिडोर का एक नोड मारवाड़ जंक्शन दिया गया है, इसी कारण डीएमआईसी को जोधपुर व पाली के बीच में बसाने की तैयारी की गई। यह रिफाइनरी के साथ टैक्सटाइल, हैंडीक्राट, पेट्रो केमिकल, ऑटो मोबाइल, सोलर इंडस्ट्री को भी फायदा देगा।
डूंगरपुर, सिणगारी, धुंधली, दूदाली, निबली पटेलान, निबली ब्राह्मणान, दानासनी, रोहट, दलपतगढ़ जैसे नौ गांवों को इस प्रोजेक्ट में रखा गया है। अभी पहले चरण में काम करवाया जाएगा। रीको पाली के रीजनल मैनेजर प्रवीण गुप्ता बताते हैं कि अभी जो बजट आया व टेंडर लगाया है, वह पहले चरण को विकसित करने के लिए है।
डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के साथ ही औद्योगिक विकास करना चीन की तरह ही हमें भी ग्लोबल दौड़ में आगे लेकर आएगा। कई सेक्टर का विकास हो सकता है। पहली बार सरकार ने अच्छी पहली की है, इसे सुनियोजित तरीके से धरातल पर उतारने का रोड मैप भी बनाना चाहिए।
अनुराग लोहिया, अध्यक्ष, जोधपुर इंडस्ट्रीज एसोसिएशन
यह महत्वपूर्ण इंडस्ट्रियल जोन है। प्रथम फेज में सरकार को औद्योगिक संगठनों के साथ बैठकें होनी चाहिए और इससे वास्तविक निवेश धरातल पर आएंगे। आी कई उद्योग बंद होने के कगार पर आ गए हैं। ऐसे में सरकार को इसे वास्तवित रूप से ऑपरेशन में लाना है और इसके लिए उद्योगों के साथ वाली सुविधाएं भी विकसित करनी होगी। गुजरात की तरह राजस्थान को भी बड़ा बजट मिलना चाहिए।
कैलाश एन कंसारा, पूर्व अध्यक्ष, मरुधरा इंडस्ट्रीज एसोसिएशन
Published on:
18 Aug 2025 03:08 pm
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