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CBI ने रीक्रिएट किया लवली कंडारा एनकाउंटर का खौफनाक सीन, डिगाड़ी की धूल में 4 साल बाद फिर फायरिंग की गूंज

Lovely Kandara encounter: करीब तीन घंटे तक सीबीआई ने शहर के तीन जगह पर सीन रिक्रिएशन किया था। सीबीआई जांच से यह पता चलेगा कि वास्तव में लवली कण्डारा मुठभेड़ में मारा गया था या उसका एनकाउंटर किया गया था।

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Lovely Kandara encounter

हाथ में पिस्टल लिए हुए लीलाराम फायरिंग की पूरी स्थिति बताते हुए। फोटो- पत्रिका

जोधपुर। सारण नगर-डिगाड़ी के मध्य सोमवार दोपहर 3 बजकर 16 मिनट पर माहौल में वो तनाव फिर से महसूस हुआ जो चार साल पहले 13 अक्टूबर 2021 की दोपहर के बाद था। सीबीआई की टीम ने ठीक उसी जगह पर सीन रीक्रिएशन किया जहां हिस्ट्रीशीटर लवली कंडारा की पुलिस मुठभेड़ में गोली लगने से मौत हो गई थी।

सीबीआई स्पेशल टीम को जांच अधिकारी डीएसपी मोहिंदर सिंह लीड कर रहे थे। उनके साथ फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स, स्थानीय पुलिस और लवली कण्डारा को छोड़कर वो सभी लोग थे, जिनकी जिंदगी उस रात बदल गई। एक तरफ लवली के चार साथी युवक जो उस एसयूवी में सवार थे, खड़े थे। दूसरी तरफ आरोपी पुलिसकर्मी तत्कालीन रातानाडा एसएचओ लीलाराम, कांस्टेबल जितेंद्र सिंह, किशन सिंह, विश्वास और गनमैन अंकित।

लवली कंडारा का किरदार सीबीआई के आदमी ने निभाया। लवली और लीलाराम दोनों को पिस्टल दी गई है और झूठमूठ का फायर करवाया गया। फायरिंग में लवली को लीलाराम के पिस्टल की गोलियां लगती है और वह वहीं गिर जाता है। करीब तीन घंटे तक सीबीआई ने शहर के तीन जगह पर सीन रिक्रिएशन किया था। सीबीआई जांच से यह पता चलेगा कि वास्तव में लवली कण्डारा मुठभेड़ में मारा गया था या उसका एनकाउंटर किया गया था।

यह है मामला

13 अक्टूबर 2021 को रातानाडा थाने के तत्कालीन थानाधिकारी लीलाराम को सूचना मिली कि हिस्ट्रीशीटर लवली कंडारा हाईकोर्ट कॉलोनी के पास एसयूवी में अपने साथियों के साथ घूम रहा है। लीलाराम एडीसीपी के गनमैन से पिस्टल लेकर खुद की कार में तीन कांस्टेबल को लेकर रवाना हुए। एसयूवी में अपने साथियों संग सवार लवली पुलिस को देखकर भागने लगा।

इंजीनियरिंग कॉलेज के पास ग्रीन गेट पर लवली की एसयूवी डिवाइडर पर चढ़ गई। तब लवली ने पुलिस की तरफ फायर किया। इसके बाद लवली ने गाड़ी जयपुर रोड की तरफ भगाई। यहां एसयूवी ने बाइक पर जा रहे दंपती को टक्कर मार दी। सारण नगर-डिगाड़ी के बीच पुलिस और बदमाशों के बीच फायरिंग हुई। लवली ने पहली गोली कार के बंपर और दूसरी लीलाराम के पैरों के पास दागी। तीसरी गोली पिस्टल में फंस गई।

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जवाबी कार्रवाई में लीलाराम ने सात फायर किए, जिनमें गोलियां लवली के सीने, पेट और हाथ में लगीं। आठवां फायर हवा में किया और ड्राइवर को पकड़ लिया गया। गंभीर रूप से घायल हालत में लवली को अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई। लवली कंडारा जोधपुर के नागौरी गेट थाने का हिस्ट्रीशीटर था, जिसके खिलाफ विभिन्न थानों में गंभीर प्रकृति के 11 मामले दर्ज थे।