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Patrika Sting News: जिस कफ सिरप पर जमकर हुआ हो-हल्ला, वह बिना पर्ची दुकानों पर बिक रही

पत्रिका ने डेक्सट्रोमेथॉर्फन के सॉल्ट वाले कफ सिरप की खाली शीशी के जरिए तलाशे कई काउंटर, कई दवा दुकानदारों ने आसानी से बेच दी दवा तो किसी ने किया इनकार

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dextromethorphan salts

कफ सिरप जिसे बिना चिकित्सक पर्ची के आसानी से खरीदा गया। फोटो- पत्रिका

जोधपुर। जिस कफ सिरप को लेकर कुछ दिनों पहले ही राजस्थान सहित देश के अन्य राज्यों में संशय है। राजस्थान में डेक्सट्रोमेथॉर्फन के साल्ट पर हल्ला हुआ। हालांकि जिस दवा व बैच की सरकार ने जांच करवाई उसको क्लीन चिट दे दी, लेकिन साथ ही फिलहाल इस दवा की सरकारी सप्लाई रोक दी।

केन्द्र सरकार ने एडवाइजरी जारी की कि 4 साल तक के बच्चों को कफ सिरप नहीं दी जाए, लेकिन यह सब दावे कागजी हैं, हकीकत में यह कफ सिरप ओवर द काउंटर धड़ल्ले से बिक रही है। न तो कोई डॉक्टर की पर्ची की जरूरत पड़ती है और न ही दुकानदार यह पूछता है कि कितने साल के बच्चे को देनी है।

पत्रिका ने जांची जमीनी हकीकत

स्पॉट 1 : पत्रिका की टीम डेक्सट्रोमेथॉर्फन, हाइड्रोब्रोमाइड, क्लोरफेनिरामाइन मेलिएट कॉम्निबेशन की खाली शीशी लेकर दवा दुकानों पर पहुंची। सबसे पहले नई सड़क चौराहे के समीप दुकान पर दवा मांगी तो उसने बड़ी आसानी से दी।
स्पॉट 2 : इसके बाद टीम उम्मेद अस्पताल परिसर के सामने दवा दुकानों पर पहुंची। यहां दो दुकानदारों ने इनकार कर दिया। तीसरे दुकानदार ने बैठाया और कहा कि अभी मंगवाकर देते हैं। लेकिन तभी शायद अन्य दुकानदारों का संदेश पहुुंच गया और उसने देने से इनकार कर दिया।

स्पॉट 3 : इसके बाद टीम एमजीएच अस्पताल के सामने एक दुकान पर पहुंची। यहां पहले एक दुकानदार ने इनकार किया लेकिन दूसरे दुकान वाले ने कहा कि अभी मंगवाकर देते हैं। करीब तीन से चार मिनट में वह अन्य दुकान से दो शीशी लेकर आया, जिसे एक हमने खरीदी और दूसरे दुकानदार ने अपने स्टॉक में रख ली।
स्पॉट 4 : इसके बाद पावटा क्षेत्र में मंडोर रोड पर दो दुकानदारों से पूछताछ की तो उन्होंने देने से इनकार कर दिया।

अभी कुछ मामला गर्म है

कफ सिरप के कुछ दुकानदारों के इनकार करने पर हमने पूछा कि पहले तो मिल जाती थी अब नहीं मिल रही, इस पर एक दुकानदार ने कहा कि अभी इसको लेकर थोड़ा मामला गर्म है। दूसरी दुकान पर पता कर सकते हैं।

क्या है शेड्यूल जी

इस प्रकार की दवाएं शेड्यूल जी में शामिल की गई है। इस दवा पर भी लिखा है कि बिना चिकित्सक के परामर्श के लेना खतरनाक हो सकता है, लेकिन यह चेतावनी न तो दुकानदार देखते हैं और न ही लेने वाले मरीज के परिजन।

सरकारी सप्लाई भी रोक दी

गौरतलब है कि डेक्सट्रोमेथॉर्फन के कॉम्बिनेशन की कुछ दवा लेने के बाद बच्चों की तबीयत बिगड़ी थी। यह दवाएं सरकारी सप्लाई से गई थी। तीन बच्चों की कफ सिरप सेवन के बाद मौत भी हो चुकी है। इसके बाद इसे सरकारी सप्लाई में रोक दिया है।

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सावधानी जिस पर ध्यान देना जरूरी

  • 4 साल से कम उम्र के बच्चों को कफ सिरप नहीं देने की एडवाइजरी जारी हुई। ऐसे में दुकानदारों को इस प्रकार की पुष्टि करना जरूरी है कि छोटे बच्चों को यह न दी जा रही हो।
  • चिकित्सक दवा लिखने में सावधानी बरत रहे हैं। ऐसे में बिना चिकित्सकी की पर्ची के दवा देने बचना चाहिए।
  • जेनरिक सूची में होने के कारण 20 से 25 रुपए की दवा 100 रुपए से ज्यादा में बिकती है, इसीलिए मुनाफा कमाने के चक्कर में बेची जा रही है।