
फलोदी। निकटवर्ती ढढू गांव में कुर्कशुदा कृषि भूमि को मुक्त करवाने की मांग को लेकर श्यामलाल विश्नोई का परिवार चार दिनों से अनशन कर रहा है, लेकिन समाधान नहीं होने पर श्यामलाल का धैर्य टूट गया और उसने इच्छा मृत्यु देने की स्वीकृति मांगी है।
श्यामलाल ने बताया कि वह करीब एक दशक से अपनी कृषि भूमि को कुर्कमुक्त करवाने की मांग कर रहा है, लेकिन जिम्मेदार सुनवाई नहीं कर रहे है। इस संबंध में उसने 2012 से अब तक कई बार अनशन भी किया है, लेकिन आश्वासन ही मिल रहा है। ऐसे में न्याय की आस में उसका धैर्य भी टूट रहा है। उसने ओएसडी जसमीतसिंह संधु से न्याय दिलाने की गुहार लगाई और उनकी खेती की जमीन को कुर्क मुक्त करने, तहसीलदार की ओर से बनाई गई गलत पीडी को निरस्त कर दुबारा से पीडी बनाने की मांग की है।
उसने बताया कि वह चार दिन से अनशन पर है और 80 साल की मां व बच्चे भी स्कूल छोड़कर न्याय के लिए अनशन कर रहे है, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही। श्यामलाल विश्नोई ने बताया कि उसके खेत खसरा नंबर 568 के खातेदारों में कोई विवाद नहीं है और ना ही विवाद चाहते है, लेकिन अन्य खसरे के खातेदारों को मेरे खेत व खसरा संख्या से जोडकर मेरे खेत खसरा को कुर्क किया हुआ है। जिसे छिपाने के लिए जिम्मेदार की ओर से उच्चाधिकारियों को भ्रमित करने के लिए हमारे खेत को विवादित बताया जा रहा है। विश्नोई ने खसरा संख्या 568 को कुर्क मुक्त कर पुलिस सुरक्षा में कब्जा सुपुर्द करने की मांग की है।
Published on:
14 Jul 2023 08:59 am
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