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जैसलमेर बस ​अग्निकांड: मृतकों की संख्या 21 पहुंची, 19 शवों की DNA से होगी शिनाख्त

Jaisalmer Bus Fire: जैसलमेर में बस में लगी भीषण आग ने कई परिवारों को उजाड़ दिया। इस भीषण अग्निकांड में अब तक 21 लोगों की मौत हो चुकी है।

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जैसलमेर बस ​अग्निकांड। फोटो: पत्रिका

जोधपुर। राजस्थान के जैसलमेर में बस में लगी भीषण आग ने कई परिवारों को उजाड़ दिया। इस भीषण अग्निकांड में अब तक 21 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, 14 घायलों में से 4 घायलों की हालत गंभीर बनी हुई है।

जैसलमेर में स्लीपर बस अग्निकांड में बुरी तरह झुलसे 10 साल के युनुस की आज सुबह उपचार के दौरान मौत हो गई। अब तक सिर्फ दो ही शवों की पहचान हो पाई है। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिए है।

बता दें कि जैसलमेर-जोधपुर मार्ग पर वार म्यूजियम के पास मंगलवार को स्लीपर बस में भीषण आग लगी थी। जिसमें 19 यात्रियों की मौके पर ही जलकर मौत हो गई थी और एक गंभीर घायल हुसैन खां (79) निवासी जैसलमेर ने जोधपुर ले जाते समय दम तोड़ दिया था। इसके अलावा अस्पताल में भर्ती युनुस (10) निवासी जोधपुर की आज सुबह महात्मा गांधी अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई। इसके साथ ही मृतकों की संख्या 21 हो गई है।

14 घायलों में से 4 की हालत गंभीर

हादसे में घायल 14 लोगों का जोधपुर के महात्मा गांधी अस्पताल में उपचार जारी है। जिनमें से 4 लोग वेंटिलेटर पर हैं, जिनकी हालत काफी गंभीर है। हादसे घायल लोगों की पहचान महिपाल सिंह, ओमाराम, मनोज भाटिया, इकबाला, फिरोज, भागा बाई, पीर मोहम्मद, जीरराज, इमिमाता, विशाशा, आशीष, रफीक, लक्ष्मण और उबेदुला के रूप में हुई है।

19 शवों की डीएनए से होगी शिनाख्त

हादसे में जिंदा जले 19 लोगों के शवों की पहचान डीएनए से होगी।इसके लिए जोधपुर और जैसलमेर के अस्पताल में डीएनए सैंपल लिए जा रहे है। शवों की पहचान के लिए परिजनों के सैंपल लिए जा रहे है। आज शाम तक सभी शवों की पहचान होने की संभावना है।

7 मिनट में आग का गोला बन गई थी बस

गौरतलब है कि जैसलमेर से जोधपुर जा रही एसी स्लीपर बस में मंगलवार दोपहर 3.30 बजे आग लगी थी। करीब सात मिनट में बस आग के गोले में बदल गई, यात्रियों को संभलने का मौका तक नहीं मिला। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया था कि बस की बैटरी में शॉर्ट सर्किट होने से एसी की गैस फैल गई और आग ने भीषण रूप ले लिया। बस की बनावट संकरी थी तथा इमरजेंसी गेट केवल पीछे की ओर लगाया गया था, जबकि दोनों ओर होना आवश्यक था। नई बस में एसी की गैस पूरी भरी हुई थी।