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27 साल बाद खुला फर्जी भर्ती घोटाला: जोधपुर सेना भर्ती में फर्जी प्रमाण पत्र से नौकरी पाने वाला आरोपी गिरफ्तार

Fraud Accused Arrested After 27 Years: जांच के दौरान जब तहसील कार्यालय से जानकारी मांगी गई तो यह खुलासा हुआ कि उस नाम से कोई प्रमाण पत्र जारी ही नहीं किया गया था। दस्तावेज फर्जी पाए जाने पर मामला दर्ज हुआ, लेकिन आरोपी फरार हो गया था।

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Jodhpur Crime News Photo

Jodhpur Crime News: जोधपुर में 27 साल पुराने एक फर्जीवाड़े के मामले में आखिरकार पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। उदयमंदिर थाना पुलिस ने 1998 में हुई सेना भर्ती में फर्जी दस्तावेजों के सहारे नौकरी पाने वाले आरोपी इंद्रजीत सिंह कुशवाह को हरियाणा के गुड़गांव से गिरफ्तार किया है। यह वही मामला है जिसमें आरोपी पिछले करीब तीन दशकों से पुलिस की पकड़ से बाहर था।

पुलिस के अनुसार, साल 1998 में तत्कालीन जिला मजिस्ट्रेट की ओर से उदयमंदिर थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई गई थी। शिकायत में कहा गया था कि रक्षा भर्ती कार्यालय, रातानाडा (जोधपुर) में भर्ती के दौरान इंद्रजीत सिंह पुत्र उदय सिंह राजपूत ने लोडता तहसील शेरगढ़ का फर्जी मूल निवास प्रमाण पत्र बनवाकर भारतीय सेना में नौकरी हासिल की थी।

जांच के दौरान जब तहसील कार्यालय से जानकारी मांगी गई तो यह खुलासा हुआ कि उस नाम से कोई प्रमाण पत्र जारी ही नहीं किया गया था। दस्तावेज फर्जी पाए जाने पर मामला दर्ज हुआ, लेकिन आरोपी फरार हो गया था।

पुलिस टीम ने वर्षों तक लगातार जांच जारी रखी और आखिरकार तकनीकी निगरानी और पुराने रिकॉर्ड की मदद से आरोपी का पता ग्वालियर (मध्यप्रदेश) में लगाया। वहां से उसकी लोकेशन बदलते हुए गुड़गांव तक पहुंची, जहां उसे दबोच लिया गया।
गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने बताया कि आरोपी ने न केवल सेना भर्ती में, बल्कि जिला पंचायत कार्यालय, राशन कार्ड और अन्य सरकारी दस्तावेजों में भी फर्जीवाड़ा किया था।

उदयमंदिर थाना अधिकारी ने बताया कि आरोपी को जोधपुर लाकर पूछताछ की जा रही है। जांच में यह भी सामने आ सकता है कि उसने फर्जी दस्तावेजों से सरकारी नौकरी पाने की इस पूरी प्रक्रिया में किन-किन की मदद ली थी।

इस कार्रवाई से जोधपुर पुलिस ने एक पुराने पेंडिंग केस को सुलझाने में बड़ी उपलब्धि हासिल की है, जिससे पुलिस रिकॉर्ड में 27 साल से लंबित मामला अब बंद होने की दिशा में है।