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पत्रिका पैट्रन में आर्ट्स वीक, शिल्प, समुदाय व पारिस्थितिकी कल्पना का मेल

राजस्थान पत्रिका अपने स्थापन काल से कला और कलाकारों के संरक्षण में अग्रणी रहा है। पाटी के साथ अब पत्रिका कला और कलाकारों के संरक्षण के अपने प्रयासों को आगे बढ़ा रहा है।

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Jodhpur Arts Week

छोटे जीव बड़ी कल्पनाएं कार्यशाला में अपने बनाए जीव की कलाकृतियां दिखाते हुए। फोटो- पत्रिका

जोधपुर। पत्रिका पैट्रन में पब्लिक आर्ट्स ट्रस्ट ऑफ इंडिया (पाटी) की ओर से प्रस्तुत जोधपुर आर्ट्स वीक के पांचवें दिन का आयोजन शिल्प, पारिस्थितिकी, कल्पना और सामूहिक कला-निर्माण का उत्सव बनकर नीले शहर में जीवंत हुआ।

सुबह की शुरुआत ‘छोटे जीव, बड़ी कल्पनाएं’ कार्यशाला से हुई, जिसका संचालन अंकिता परिहार, छवि गोलिया और शुभम गहलोत ने किया। इसमें प्रतिभागियों को प्रेरित किया कि वे अपने स्वयं के कीट प्रजाति का आविष्कार करें। बुनकर चेनाराम मुंडेल के साथ दरी निर्माण कार्यशाला आयोजित हुई। उन्होंने राजस्थान की प्राचीन बुनाई परंपरा के बारे में बताया। शाम को कई समानांतर गतिविधियां आयोजित हुई।

मंडोर में एक्सप्लोरिंग स्कल्प्चर कार्यशाला में प्रतिभागियों ने कलाकार गैस्पार्ड कॉम्ब्स की कलाकृतियों से प्रेरणा लेकर पेपियर-मैशे से पत्थर जैसी प्रतीत होने वाली मूर्तियां बनाई। इसी दौरान ब्लूप्रिंट्स फोटो वॉक का संचालन अभ्युदय सिंह पंवार और अंकित बिश्नोई ने प्रतिभागियों को जोधपुर की नीली गलियों को नए और व्यक्तिगत दृष्टिकोण से दर्ज करने का अवसर दिया।

कला का संरक्षण

राजस्थान पत्रिका अपने स्थापन काल से कला और कलाकारों के संरक्षण में अग्रणी रहा है। पाटी के साथ अब पत्रिका कला और कलाकारों के संरक्षण के अपने प्रयासों को आगे बढ़ा रहा है।