
पत्रिका न्यूज़ नेटवर्क/जोधपुर. स्कूलों में ट्रांसजेंडर को समानता देने और लैंगिक भेदभाव कम करने के लिए राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने एक नया मॉड्यूल तैयार किया है।
इसके तहत अब स्कूलों में बॉयज व गर्ल्स के संबोधन के बजाय स्टूडेंट्स या बच्चों जैसे शब्दों का इस्तेमाल टीचर को करना होगा। ट्रांसजेंडर को लेकर तैयार मॉड्यूल में बताया कि स्कूलों में जब किसी विद्यार्थी को बॉयज व गर्ल्स के नाम से संबोधित करते हैं तो अनजाने में ही ट्रांसजेंडर स्टूडेंट के साथ भेदभाव हो जाता है। इसलिए समानता रखने के लिए स्टूडेंट्स या बच्चों जैसे शब्दों का उपयोग किया जाए।
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16 सदस्यीय समिति ने तैयार किया मॉड्यूल
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की सिफारिशों के तहत एनसीईआरटी के जेंडर स्टडीज विभाग की ओर से गठित 16 सदस्यीय समिति ने यह मॉड्यूल तैयार किया है। एनसीईआरटी ने ट्रांसजेंडर की शिक्षा को लेकर स्कूलों में दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं।
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स्कॉलरशिप की व्यवस्था करें
सीबीएसई रिसोर्स पर्सन बृजेश शर्मा ने बताया कि शिविर में विशेषज्ञों ने जेंडर न्यूट्रल ड्रेस लागू करने का सुझाव दिया है। विभिन्न अकादमिक, गैर अकादमिक व अन्य पदों पर बिना लैंगिक भेदभाव के थर्ड जेंडर शिक्षकों और कर्मियों की नियुक्ति करने, ट्रांसजेंडर श्रेणी को सभी तरह के कोर्स व प्रमाणपत्रों में शामिल करने और ट्रांसजेंडर छात्रों के लिए स्कॉलरशिप की व्यवस्था करनी होगी।
Published on:
22 Aug 2023 12:28 pm
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