5 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Raksha Bandhan: स्नेह की डोर में पूरे दिन भद्रा बनेगी बाधा, रात 9 बजे के बाद ही सज पाएगी भाइयों की कलाइयां

यदि जरूरी हो तो भद्रा का मुख छोड़कर भद्रा के पुच्छकाल यानी बुधवार शाम 5:30 से 6:31 बजे तक राखी बांध सकते हैं।

less than 1 minute read
Google source verification
raksha_bandhan.jpg

जोधपुर। भाई-बहन के स्नेह व विश्वास का प्रतीक रक्षाबंधन का पर्व आज मनाया जाएगा। इस बार दिन भर भद्रा का साया रहने से बहनों के त्योहार का उल्लास फीका रहेगा। ज्योतिषियों के अनुसार, शास्त्रों में भद्रा में राखी बांधना वर्जित माना गया है। ऐसी स्थिति में भद्रा समाप्ति पर रात 9 बजे के बाद ही बहनें अपने भाइयों की कलाइयों पर राखियां बांध सकेगी।

यह भी पढ़ें- जोधपुर मिलिट्री स्टेशन: अफीम की गिरफ्त में सेना, अब खुद का कर्मचारी पकड़ा गया

किला रोड महादेव अमरनाथ के पं कमलेशकुमार दवे व पं प्रेमप्रकाश ओझा ने बताया कि गुरुवार सुबह 7:05 तक पूर्णिमा तिथि रहेगी, जो त्रि-मुहूर्त व्यापिनी (एक मुहूर्त 48 मिनट) से कम है, ऐसे में तीन मुहूर्त से तिथि कम होने से बुधवार को रक्षाबंधन का पर्व रात 9:02 से मनाना ही शास्त्र सम्मत रहेगा।

यह भी पढ़ें- Rajasthan Assembly Election: विधानसभा चुनाव में कांग्रेस किसको देगी टिकट, CM गहलोत ने कर दिया बड़ा ऐलान

पुच्छकाल में बांध सकते हैं राखी
- यदि जरूरी हो तो भद्रा का मुख छोड़कर भद्रा के पुच्छकाल यानी बुधवार शाम 5:30 से 6:31 बजे तक राखी बांध सकते हैं।
- शुभ-अमृत मुहूर्त में रात 8:18 से 11:24 तक बांधना शास्त्र सम्मत होगा।


यह रहेगा राखी बांधने का मुहूर्त
- पूर्णिमा तिथि बुधवार सुबह 10:58 बजे से गुरुवार सुबह 7:05 बजे तक।
- भद्रा बुधवार सुबह 10:56 से रात 9:02 बजे तक।
- रात 9:02 बजे के बाद मध्यरात्रि 12:28 बजे तक राखी बांध सकते हैं।