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Ramdevra Mela 2025: बाबा ने की मनोकामएं पूरी तो 25 किलो वजन का घोड़ा बनाकर पैदल रवाना हुआ श्रद्धालु

भादवे की दूज से आठ दिन तक चलने वाले मेले में शिरकत करने प्रदेश के कौने-कौन एवं पड़ौसी राज्य मध्यप्रदेश, गुजरात से सैकड़ों किमी. पैदल सफर तय कर रामदेवरा धाम जातरुओं के पहुंचने का क्रम शुरू हो गया है।

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फोटो: पत्रिका

साम्प्रादायिक सद्भावना के लोकदेवता बाबा रामदेव का अवतरण दिवस भाद्रपद शुक्ल द्वितीया (बीज) इस बार 25 अगस्त 2025 को मनाया जाएगा। इस उपलक्ष्य में भादवे की दूज से आठ दिन तक चलने वाले मेले में शिरकत करने प्रदेश के कौने-कौन एवं पड़ौसी राज्य मध्यप्रदेश, गुजरात से सैकड़ों किमी. पैदल सफर तय कर रामदेवरा धाम जातरुओं के पहुंचने का क्रम शुरू हो गया है।

मंगलवार सुबह कस्बे से गुजरने वाले फलोदी-नागौर राजमार्ग से पैदल रामदेवरा बाबा की समाधी के दर्शन के लिए निकला बाबा का भक्त क्षेत्र के श्रद्धालुओं के बीच चर्चा का विषय बन गया।


उल्लेखनीय हैं कि मकराना निवासी संजय कुमार की बाबा रामदेव ने उनकी बेटी जो जन्म से पैरों के बल उठने में हिचकिचाती थी, लेकिन इसकी तन्दुरस्ती के लिए उन्होंने बाबा के दरबार में अर्जी लगाई और बाबा ने उनकी पुकार सुनी तो पिछले तीन साल से बाबा की बीज को दर्शन के लिए जा रहे हैं। वे पच्चीस किलो वजन का घोड़ा बनाकर पैदल रवाना हुए हैं।

पैदल यात्रियों की सेवा में खड़े बाबा के भक्त

जोधपुर-फलोदी स्टेट हाईवे से इन दिनों बड़ी संख्या में बाबा के दर्शन करने के लिए पैदल यात्रियों के जत्थे गुजर रहे हैं।इस दौरान पैदल यात्रियों की सेवा के लिए क्षेत्र के पल्ली सहित आस-पास के गांवों के युवाओं द्वारा पैदल यात्रियों के लिए खाने,पीने एवं रहने की माकुल व्यवस्था कर रहे हैं,वहीं हाईवे पर भामाशाहों द्वारा संचालित रामरसोडा में भी श्रद्धालुओं के लिए माकुल व्यवस्था की हुई हैं।