27 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Success Story: जन्म से ही नहीं थी आंखों की रोशनी, सोमराज ने फिर भी नहीं मानी हार, 5 सरकारी नौकरियों में लहराया परचम

सोमराज ने प्रारंभिक शिक्षा जोधपुर के नेत्रहीन विकास संस्थान से प्राप्त की। इसके बाद एनआइओएस बोर्ड से 10वीं और राजस्थान ओपन बोर्ड से 12वीं परीक्षा पास की।

2 min read
Google source verification
Success Story of a blind person

सोमराज सांसी। फोटो- पत्रिका

उनके पास आंखों की रोशनी नहीं थीं, मगर उनके हौसलों की उड़ान ऐसी थी कि आज हजारों आंखें उनकी ओर उम्मीद से देख रही है। जो इंसान खुद रोशनी से वंचित था, वह आज सैकड़ों युवाओं के जीवन में प्रेरणा की किरण बन चुका हैं। यह कहानी है जोधपुर जिले की सांसियों की ढाणी, गुजरावास (बनाड़) के सोमराज सांसी की, जिन्होंने दृष्टिबाधित होने के बावजूद तमाम संघर्षों के बावजूद राजकीय सेवाओं में उल्लेखनीय स्थान हासिल किया।

खुद रोशनी बन गए

सोमराज जन्म से ही दृष्टिबाधित हैं। उनके पिता कालूराम दसावत और माता कमला देवी एक साधारण ग्रामीण परिवार से हैं। घर में तीन बहनें और वे इकलौते बेटे थे, ऐसे में जिम्मेदारियां कई थीं और संसाधन सीमित। लेकिन, इन सीमाओं को उन्होंने कभी बहाना नहीं बनने दिया।

उनके सहयोगी अजय सिंह सांसी बताते हैं कि सोमराज बचपन से ही पढ़ाई को लेकर बेहद गंभीर रहे। उन्होंने कभी खुद को दिव्यांग नहीं माना। पढ़ने के लिए वे गांव से निकलकर छात्रावासों में रहे, जहां उन्होंने अपना अधिकतर कार्य स्वयं किया।

पढ़ाई के मैदान में संघर्ष के योद्धा

उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा जोधपुर के नेत्रहीन विकास संस्थान से प्राप्त की। इसके बाद एनआइओएस बोर्ड से 10वीं और राजस्थान ओपन बोर्ड से 12वीं परीक्षा पास की। उच्च शिक्षा के लिए दिल्ली स्थित सत्यवती कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय में दाखिला लिया।

सरकारी सेवा की सीढ़ियां

कॉलेज के बाद सोमराज ने एसएससी सीएचएसएल परीक्षा पास कर एलडीसी पद पर पहली सरकारी नौकरी प्राप्त की, लेकिन उनका सपना यहीं तक सीमित नहीं था। उन्होंने एसएससी सीजीएल की भी कई बार कोशिश की, पर हर बार कुछ अंकों से रह जाते। निराश हुए बिना वे जुटे रहे।

लेक्चरर बनना है मंजिल

सोमराज का सपना यहीं समाप्त नहीं होता। अब वे लेक्चरर बनने की दिशा में प्रयासरत है, ताकि अपने जैसे अन्य दिव्यांग विद्यार्थियों को भी नई राह दिखा सकें।

यह वीडियो भी देखें

चल रही रही सफलता ही राह

लगातार प्रयासों के बाद उन्होंने वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद और दिल्ली विकास प्राधिकरण की परीक्षाएं दी। दोनों में प्री व मैंस सफलतापूर्वक पास कर ली। सीएसआइआर में उन्हें असिस्टेंट सेक्शन ऑफिसर के पद पर नियुक्त किया गया हैं। साथ ही डीडीए में भी उनका चयन हुआ हैं। अब वे अगली जॉइनिंग के संबंध में विचार कर रहे हैं।


बड़ी खबरें

View All

जोधपुर

राजस्थान न्यूज़

ट्रेंडिंग