29 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

जोधपुर में स्कूल जा रहे तीन छात्रों को पिकअप ने कुचला, दो की मौत, एक गंभीर घायल

सेतरावा कस्बे के निकट फलोदी-पचपदरा मेगा हाईवे पर मंगलवार को स्कूल जा रहे तीन छात्रों को तेज रफ्तार पिकअप ने जोरदार टक्कर मार दी। हादसे में दो छात्रों की मौके पर ही मौत हो गई।

less than 1 minute read
Google source verification

हादसे में मृतक छात्र नगाराम व सुनील। फोटो पत्रिका नेटवर्क

जोधपुर। सेतरावा कस्बे के निकट फलोदी-पचपदरा मेगा हाईवे पर मंगलवार को स्कूल जा रहे तीन छात्रों को तेज रफ्तार पिकअप ने जोरदार टक्कर मार दी। हादसे में दो छात्रों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक छात्र गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे प्राथमिक उपचार के बाद जोधपुर एमडीएम अस्पताल रेफर किया गया है। हादसा राजस्व गांव खेतनगर की सरहद में हुआ।

जानकारी के अनुसार खेतनगर वीरमदेवगढ़ निवासी चैनाराम मेघवाल का पुत्र नगाराम (17), खींयाराम मेघवाल का पुत्र सुनील (16) और चूनाराम मेघवाल का पुत्र भामेश (17) पैदल स्कूल जा रहे थे। इस दौरान पीछे से तेज गति से आई पिकअप ने तीनों को टक्कर मार दी। ग्रामीणों ने तुरंत घायलों को सेतरावा सीएचसी पहुंचाया, जहां चिकित्सकों ने नगाराम और सुनील को मृत घोषित कर दिया। हादसे में मारे गए नगाराम कक्षा 11वीं और सुनील कक्षा 9वीं में सेतरावा सीनियर सेकंडरी स्कूल में अध्ययनरत थे। घायल भामेश कक्षा 12वीं का छात्र है। हादसे की सूचना से विद्यालय में शोक की लहर फैल गई।

अस्पताल में आक्रोश, ग्रामीणों ने किया घेराव

घटना की जानकारी मिलते ही बड़ी संख्या में ग्रामीण अस्पताल पहुंचे और चालक के खिलाफ सख्त कार्रवाई व मुआवजे की मांग को लेकर घेराव शुरू कर दिया। सूचना पर देचू उपखंड अधिकारी भंवरलाल, लोहावट डीएसपी संग्रामसिंह, तहसीलदार हरिसिंह सहित अधिकारी मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को समझाने के प्रयास किए। हालात को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस जाब्ता बुलाया गया। बाद में प्रशासन की समझाइश और जनप्रतिनिधियों के आश्वासन के बाद ग्रामीण शांत हुए।

धरने के बाद हुआ समझौता

ग्रामीणों ने मृतकों के परिजनों को उचित मुआवजा और चालक पर कठोर कार्रवाई की मांग को लेकर धरना दिया। सेतरावा सरपंच गोपालसिंह राठौड़, पूर्व सरपंच मोमंतराम मेघवाल, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष गिरधारीराम मेघवाल, जुगताराम मेघवाल व अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं के हस्तक्षेप से समझौता हुआ और धरना समाप्त हुआ।