
लाल आतंक की राह छोड़ रहे युवा (Photo source- Patrika)
CG Naxal News: बस्तर में ऑपरेशन कगार के तहत नक्सल सफाए का अभियान जारी है। दूसरी ओर राज्य सरकार पुनर्वास नीति के तहत नक्सलियों को मुख्य धारा से जुड़ने का मौका भी दे रही है। इस दोतरफा अभियान से नक्सल विचारधारा लगातार कमजोर होती जा रही है। हाल ही में उत्तर बस्तर डिवीजन में 13 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। इनमें आधे से ज्यादा ऐसे हैं, जिनकी उम्र 30 साल से कम है। मतलब ये कि अब युवा भी हिंसा के रास्ते पर नहीं चलना चाहते।
उत्तर बस्तर के घने जंगलों में बरसों तक खून-खराबा मचाने वाले नक्सली अब हथियार छोड़कर मुयधारा की ओर लौट रहे हैं। पूना मारगेम (पुनर्वास से पुनर्जीवन) नाम की सरकारी पहल और आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर कुल 13 इनामी नक्सलियों ने गुरुवार को आत्मसमर्पण किया। ये सभी नक्सली उत्तर बस्तर डिवीजन के रावघाट, परतापुर एरिया कमेटी और माड़ डिवीजन में सक्रिय थे।
इन पर कुल 62 लाख रपए का इनाम घोषित था। गुरुवार को ही एसपी दतर में बस्तर आईजी सुंदरराज पी. और आईजी अमित तुकाराम कांबले ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सलियों को पुनर्वास नीति के तहत 50,500 रुपए की प्रोत्साहन राशि दी गई है। आत्मसमर्पण करने वाले 13 नक्सलियों में युवा ज्यादा है। सबसे ज्यादा 7 नक्सली ऐसे हैं, जिनकी उम्र 30 साल से कम हैं।
इनमें भी 2 इतने खूंखार, जिन पर 8-8 लाख रुपए का इनाम था। पहले नंबर पर कारू वेड्डा है। उसकी उम्र अभी महज 25 साल है। नक्सलियों की मिलिट्री नंबर 5 में सेक्शन उप कमांडर था। आलपरस, चारगांव, महला जैसे कई बड़ी मुठभेड़ में शामिल रह चुका है। दूसरे नंबर पर 28 साल की माड़वी सोनमति है। माड़ डिवीजन कमेटी की मेंबर थी। इसने भी ईरपानार, महला जैसे कई इलाकों में हिंसक घटनाओं को अंजाम दिया है। इनके अलावा अंडर-30 वाले 5 और युवा हैं, जिन पर 1-1 लाख रुपए इनाम था। इनमें सुकारो नुरूटी (20), राजू उर्फ सोहन नुरूटी (21), सुकदू उर्फ पवन पद्दा (20), असनु राम कोरसा (20) और सोमारी कोर्राम उर्फ कविता (30) शामिल हैं।
इनाम: 10 लाख, निवासी: आमाकोड़ा, कांकेर
हिस्ट्री: माड़ डिवीजन मिलिट्री कंपनी नंबर-1 में कमांडर था। 2003 में नक्सली संगठन में शामिल हुआ था। गोण्डबिनापाल, मन्हाकाल, सुलंगी, टेकानार, जडडा, कोहकामेटा जैसी जगहों पर बड़ी नक्सली घटनाओं को अंजाम दिया।
इनाम: 8 लाख, निवासी: कोईनटोला, कांकेर
हिस्ट्री: डीवीसीएम और उत्तर बस्तर डिवीजन का कमांड इन चीफ रहा। 50 से अधिक घटनाओं में शामिल। रिसगांव, मन्हाकाल, उदनपुर, चारगांव, कोयलीबेड़ा, महला जैसी जगहों पर हमले किए।
इनाम: 8 लाख, निवासी: अलकानार, सिकसोड़
हिस्ट्री: माड़ डिवीजन में टेलर टीम इंचार्ज था। 2002 से नक्सल संगठन में सक्रिय था। पोरोण्डी, चारगांव, उदनपुर, कंदाडी जंगल, गावडेगांव में कई हिंसक घटनाओं को अंजाम दिया।
इनाम: 8 लाख, निवासी: कोडेलेर, नारायणपुर
हिस्ट्री: मिलिट्री नंबर 5 में सेक्शन उप कमांडर था। आलपरस, चारगांव, महला, गट्टाकाल, काकनार जैसे इलाकों में मुठभेड़ों में शामिल रहा।
इनाम: 8 लाख, निवासी: गोंडेबटूम, बीजापुर
हिस्ट्री: माड़ डिवीजन की कंपनी नंबर-1 की सदस्य थी। ईरपानार, महला, जडडा, कोड़तामरका में हिंसक घटनाओं को अंजाम दिया।
इनाम: 5 लाख, निवासी: मरकेली, मानपुर
हिस्ट्री: रावघाट एरिया कमेटी की सक्रिय सदस्य थी। ढब्बा, बड़गांव, चिलपरस, भोमरा-हुरतराई जैसी घटनाओं में शामिल रही।
इनाम: 5 लाख, निवासी: मेचानार, कांकेर
हिस्ट्री: एसजेडसीएम सुजाता की गार्ड और टेलर यूनिट की कमांडर थी। उदनपुर, कोयलीबेड़ा, मर्राम, चारगांव, केसोकोड़ी जैसी मुठभेड़ों में शामिल रही।
इनाम: 5 लाख, निवासी: कुली, परतापुर
हिस्ट्री: परतापुर एरिया कमेटी सदस्य था। साधुमिचगांव, सुलंगी, कोण्डे, सोनाबेड़ा, बांगोभोठिया में हुई मुठभेड़ों में सक्रिय रहा।
इनाम: 1 लाख, निवासी: मरकाबेड़ा, थाना ओरछा
हिस्ट्री: रावघाट एलओएस सदस्य था। कोयलीबेड़ा, आलपरस और कुरकुंज में हुई मुठभेड़ों में शामिल रहा।
इनाम: 1 लाख, निवासी: भाटनार, थाना ओरछा
हिस्ट्री: रावघाट एलओएस सदस्य थी। महला, गट्टाकाल, काकनार, जुंगड़ा जंगलों में हुई मुठभेड़ में शामिल रही।
इनाम: 1 लाख, निवासी: कोंगे, थाना सोनपुर
हिस्ट्री: परतापुर एलओएस सदस्य था। राजामुंडा, बांगोभोठिया में वाहन जलाने और ग्रामीणों की हत्या में शामिल रहा।
इनाम: 1 लाख, निवासी: कोरोनार, थाना सोनपुर
हिस्ट्री: डीव्हीसीएम सुकलाल का गार्ड था। गोमें, गट्टाकाल, जुंगड़ा जैसे इलाकों में कई घटनाओं को अंजाम दिया।
इनाम: 1 लाख, निवासी: वट्टेकाल, थाना परतापुर
हिस्ट्री: परतापुर एलओएस सदस्य था। बिनागुंडा जंगल मुठभेड़ में शामिल। यहां एक महिला नक्सली ढेर भी हुई थी।
Published on:
25 Jul 2025 12:23 pm
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