
कानपुर के नई सड़क हिंसा में मुख्य आरोपित हयात जफर हाशमी व उसके साथी जावेद अहमद, मोहम्मद सुफियान और मोहम्मद राहिल पुलिस कस्टडी रिमांड पर गुरुवार को जेल से बाहर आए। उनसे अलग अलग थानों में रखकर पूछताछ की गई। पूछताछ में शातिर आरोपितों ने कबूला कि घटना से पहले उन्होंने शातिर अपराधियों की महापंचायत लगाई थी। वहीं पर बंदी और हिंसक घटना की पूरी प्लानिंग की गई थी। आरोपितों से पूछताछ के आधार पर पुलिस ने डी 2 गैंग समेत अन्य अपराधिक गिरोह के दो दर्जन अपराधियों के नाम निकाल लिए हैं। वह सब किस गिरोह से ताल्लुक रखते हैं। इसे लेकर लिस्टिंग की जा रही है।
हयात जफर व उसके साथी दो दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड में गुरुवार सुबह दस बजे जेल से निकले। चारों का पहले उर्सला में मेडिकल परीक्षण कराया गया। उसके बाद उन्हें कर्नलगंज, कोहना उसके बाद ग्वालटोली थाने में रखकर पूछताछ की गई। इस दौरान एटीएस, एसआईटी और मिलेट्री इंटेलीजेंस के अफसरों ने चारों से पूछताछ की। दोपहर में सभी को नवाबगंज थाने और फिर देर रात कैंट थाने में रखकर 9 घंटे तक पूछताछ की।
एक कमरे में लगी थी पंचायत
पूछताछ में शामिल अधिकारियों के मुताबिक हयात जफर और जावेद ने बताया कि 1 जून को उन्होंने चमनगंज में एक इमारत के बंद कमरे में सभी अपराधिक गिरोह के सदस्यों को बुलाया था। महापंचायत लगाई गई थी। सभी को बताया गया था कि बंदी के दौरान कैसे हिंसक होना है। हिंसा में कैसे असलहों, पेट्रोल बम, एसिड बम, ईंट पत्थर का प्रयोग होना था इसकी प्लानिंग भी उसी महापंचायत में की गई थी। अधिकारी के मुताबिक दो दर्जन अपराधियों के नाम सामने आ चुके हैं और नाम आना बाकी है। इसमें डी 2 गैंग (इंटर स्टेट 273) समेत अन्य अपराधिक गिरोह के लोग शामिल है। अधिकारी के मुताबिक डी 2 गिरोह के अफजाल ने भीड़ जुटाने का काम किया था। वहीं एक अन्य शातिर बाबर ने हथियार का इंतेजाम किया था।
तमंचे में जेल गया बी वॉरेंट पर लाया गया शातिरइसी पूछताछ में आरोपितों ने शफीक उर्फ भतीजा के बारे में जानकारी दी।हयात का करीबी यह शातिर घटना में शामिल था। उसके बाद गंगाघाट पुलिस ने इसे तमंचे में गिरफ्तार कर जेल भेजा। पुलिस ने हयात से पूछताछ हो जाने के बाद बी वॉरेंट के जरिए उसे शहर लाई। यहां पर उसे न्यायालय में पेश किया गया।
एक बिल्डर की शनिवार तक हो सकती है गिरफ्तारी
पूछताछ करने वाले अधिकारियों के मुताबिक आरोपितों ने बिल्डर हाजी वसी का नाम दोबारा लिया। जिसने इन्हें फंड उपलब्ध कराए थे। उसे भी लिखापढ़ी में आरोपित बना लिया गया है। उसकी गिरफ्तारी शनिवार तक हो सकती है। इसके अलावा एसआईटी को तीन ऐसे और बिल्डरों की जानकारी मिली है जो डी 2 के साथ मिलकर काम कर रहे थे। इसमें राशिद, मुन्ना और कय्यूम शामिल है। इनकी भी जांच शुरू हो गई है। महापंचायत के बाद इन तीनों बिल्डरों से भी सम्पर्क में होने के सबूत पुलिस को मिले हैं।
Updated on:
17 Jun 2022 10:54 am
Published on:
17 Jun 2022 10:51 am
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