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उत्तर प्रदेश पुलिस के दरोगा को उम्रकैद: पत्नी की हत्या के मामले में 10 साल बाद आया निर्णय

Sub-inspector sentenced to life imprisonment कानपुर में अदालत ने दरोगा को पत्नी की हत्या के जुर्म में उम्रकैद की सजा सुनाई है। जिसमें हत्या करने के बाद शव को कौशांबी जिले में फेंका था। दरोगा हत्या के बाद से ही जेल में बंद है।

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दरोगा ज्ञानेंद्र सिंह को अदालत में सुनाई उम्र कैद की सजा (फोटो सोर्स- 'X' कानपुर )

फोटो सोर्स- 'X' कानपुर

Sub-inspector sentenced to life imprisonment कानपुर में 10 साल बाद पत्नी की हत्या करने वाले दरोगा को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है। इसके साथ ही 60 हजार का अर्थ दंड भी लगाया गया है। अभियुक्त दरोगा चित्रकूट का रहने वाला है और घटना के समय प्रतापगढ़ जिले में तैनाती थी। जिसकी कानपुर में तैनाती के दौरान महिला से नजदीकी बड़ी और उससे शादी की ली। जबकि उसकी पहले ही शादी हो चुकी थी और दो बच्चे भी हैं। घटना काकादेव थाना क्षेत्र की है।

मां की तहरीर पर मुकदमा

उत्तर प्रदेश के कानपुर के काका देव थाना क्षेत्र के नवीन नगर निवासी ईशा सिंह की मां विनीता ने थाना में तहरीर देकर बताया कि उसकी बेटी ईशा सिंह 18 में 2015 की रात से गायब है। उसका मोबाइल भी स्विच ऑफ जा रहा है। बातचीत नहीं हो पा रही है। विनीता की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया और सर्विलांस और थाना पुलिस के माध्यम से जांच शुरू की।

शव कौशांबी में मिला

पुलिस को ईशा सिंह का धड़ कौशांबी जिले के महेवा पुल के पर बरामद हुआ। जिसकी शिनाख्त कंधे में बने टैटू, ब्रेसलेट, हाथ में बंधी पट्टी और घड़ी से हुई।पुलिस ने आरोपी दरोगा ज्ञानेंद्र सिंह को गिरफ्तार कर पूछताछ की। पांच अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया गया। जिनकी निशानदेही पर पुलिस ने कार को बरामद कर लिया। जिससे घटना को अंजाम दिया गया था।‌

दो शादियों पर होता था विवाद

दरोगा ज्ञानेंद्र सिंह सचान कानपुर के कई थानों में ड्यूटी दे चुका है। काकादेव थाना में तैनाती के दौरान उसका संपर्क ईशा सिंह निवासी नवीन नगर काकादेव के साथ हुई। शुरुआती संपर्क के बाद दोनों में प्यार हो गया और शादी कर ली। जबकि ज्ञानेंद्र सिंह पहले से ही शादीशुदा था और उसके दो बच्चे भी है। जिसको लेकर ईशा सिंह और ज्ञानेंद्र सिंह में विवाद हुआ करता था।

रात 8 बजे तक बातचीत हुई

एडीजीसी प्रदीप बाजपेई ने बताया कि 18 मई 2015 की रात 8 बजे तक ईशा सिंह कि उसकी मां के साथ बातचीत होती रही है। इसके बाद ईशा का फोन बंद हो गया और संपर्क नहीं हो पाया। दिन में भी ईशा के विषय में जानकारी नहीं मिली। उन्होंने काका देव थाना में तहरीर देखना मामले की जानकारी दी और मुकदमा दर्ज कराया। सर्बिलांश और पुलिस की जांच के बाद कौशांबी जिले के महेवा पुल से ईशा का धड़ बरामद किया गया। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत में दरोगा ज्ञानेंद्र सिंह को उम्र कैद की सजा सुनाई और साथ हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।