अब पौधे भी होंगे पॉलीथिन मुक्त
करौलीPublished: Mar 25, 2019 11:54:28 am
गुढ़ाचन्द्रजी. वन विभाग द्वारा प्रतिवर्ष मानसून के दौरान पौधों का वितरण किया जाता है। इसके लिए विभाग द्वारा हर वर्ष सितम्बर-अक्टूबर में बजट आने के बाद पौधे तैयार कराए जाते हैं। लेकिन इस बार विभाग द्वारा पॉलीथिन के स्थान पर मिट्टी के ब्रीक्स (कुल्हड़ ) बनवाकर उसमें पौधों को तैयार कराया जा रहा है। इसके लिए विभाग द्वारा मिट्टी के कुल्हड़ बनाए जा रहे हैं।
गुढ़ाचन्द्रजी में वन पौधशाला में नए पौधों के लिए मिट्टी के कुल्हड़ बनाती महिला श्रमिक ।
गुढ़ाचन्द्रजी. वन विभाग द्वारा प्रतिवर्ष मानसून के दौरान पौधों का वितरण किया जाता है। इसके लिए विभाग द्वारा हर वर्ष सितम्बर-अक्टूबर में बजट आने के बाद पौधे तैयार कराए जाते हैं। लेकिन इस बार विभाग द्वारा पॉलीथिन के स्थान पर मिट्टी के ब्रीक्स (कुल्हड़ ) बनवाकर उसमें पौधों को तैयार कराया जा रहा है। इसके लिए विभाग द्वारा मिट्टी के कुल्हड़ बनाए जा रहे हैं।
मिला है लक्ष्य
वनप्रसार अधिकारी बृजमोहन गुर्जर ने बताया कि जुलाई से सितम्बर तक पौधों की बिक्री रहती है। इसके लिए विभाग द्वारा हरवर्ष टारगेट भी दिए जाते हैं। इस वर्ष भी ५३३१६ पौधों का लक्ष्य मिला है। इसके अन्तर्गत गत वर्षो के पौधशाला में रखे हुए एमजीएस के ८८३०, कैम्पा योजना के २७ हजार, नाबार्ड योजना के १६९८६पौधों का वितरण किया जाएगा। साथ ही जैव विविधता योजना में नवीन ५०० पौधे तैयार करवाए जा रहे हैं। नवीन ५०० पौधों को पॉलीथिन के स्थान पर मिटï्टी के कुल्हड़ बनाकर तैयार किए जा रहे हैं।
पॉलीथिन से पड़ता दुष्प्रभाव
पॉलीथिन के प्रयोग से पर्यावरण को हानि पहुंचती है। साथ ही पॉलीथिन के उपयोग पर न्यायालय ने रोक लगा रखी है। इसके लिए विभाग द्वारा नवीन प्रक्रिया अपनाकर देखी जा रही है।
वनप्रसार अधिकारी ने बताया कि पुराने पौधों की लंबाई ४ फीट से लेकर ७ फीट हो गई है। इनमें छायादार, फलदार व फूलदार पौधे सम्मलित है। बेचने के लिए पौधों की कीमत अभी तक इस वर्ष निर्धारित नहीं की है। पुरानी रेट न्यूनतम ५ रुपए से लेकर ७५ रुपए तक है।
साथ ही पौधों को गर्मी से बचाने के लिए वनकर्मियों द्वारा समय-समय पर पानी देकर देखभाल की जा रही है। (पत्रिका संवाददाता)