कासगंज जिला कारागार में साढ़े सात सौ के तकरीबन बंदी हैं। इनकी रखवाली के लिए मात्र 34 बंदीरक्षकों की तैनाती है। किशन सिंह बल्दिया हेड जेल वार्डन है। बीती दिनों उन्होंने बंदीरक्षक शिव प्रताप सिंह की संतरी बतौर डयूटी 18 से 22 बजे तक लगाई थी। शिवप्रताप ने अपनी डयूटी की जगह राजकुमार को लगा दिया। जब किशन सिंह बल्दिया ने राजकुमार से पूछा तुम्हारी डयूटी 22 बजे से दो बजे तक है और शिवप्रताप से बात कराओ। इस बात पर शिवप्रताप गुस्से में लाल पीले हो गए और उन्होंने फोन पर ही जेल अधीक्षक समेत किशन सिंह के साथ गाली-गलौज कर दी। बाद में शिवप्रताप सिंह ने शराब पीकर हेड जेल वार्डन किशन सिंह के साथ मारपीट कर दी। वर्दी भी फाड़ दी।
कार्रवाई न होने पर मीडिया को बताया
अपमानित हुए किशन सिंह ने अधीक्षक से भी दंबग शिवप्रताप सिंह के खिलाफ प्रार्थना पत्र देकर कार्रवाई की मांग की। पांच दिन बीत जाने के बाद कोई कार्रवाई नही की गई हैं। इसके चलते किशन सिंह बंदीरक्षक शिवप्रताप से भयभीत है। जब किशन सिंह की कोई सुनवाई नहीं हुई तो उन्होंने मीडिया का सहारा लेकर न्याय के प्रति आवाज उठाई।
पहले भी हुई हैं घटनाएं
आपको बता दें कि जिला कारागार में बंदीरक्षकों द्वारा मारपीट का पहला मामला नहीं है। पूर्व में अमर सिंह राणा मुख्य हेड वार्डन को ओमप्रकाश बंदीरक्षक ने गालीगलौज और देख लेने की धमकी दी थी। बहुत सी ऐसी घटनाएं हैं, जो जेल की दीवारों के पीछे ही रह जाती हैं।