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एक करोड़ मिलने के बाद भी नहीं बनी स्कूल बिल्डिंग, अव्यवस्था के बीच पढऩे को मजबूर बच्चे, इन्होंने बरती लापरवाही

शासकीय हाई स्कूल जगुवा में भवन निर्माण की चल रहा धीमी गति, जिम्मेदार नहीं दे रहे ध्यान

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कटनी

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Balmeek Pandey

Feb 16, 2018

High school building incomplete

High school building incomplete

कटनी/खितौली. अफसरों की अनदेखी के कारण जिले में विकास कार्य धीमी गति से चल रहे हैं। समय सीमा पूरी होने के कई महीने बाद भी निर्माण कार्य ठेकेदारों द्वारा पूर्ण नहीं किए जा रहे। ऐसा ही एक मामला बरही तहसील के खितौली क्षेत्र अंतर्गत ग्राम जगुआ में सामने आया है। केंद्र सरकार की योजना के तहत यहां पर एक करोड़ रुपए की लागत से हाईस्कूल का निर्माण हो रहा है। समयावधि पूरी होने के बाद भी अबतक ५० फीसदी काम नहीं हो पाया। लोक निर्माण विभाग के द्वारा बनाई जा रही जगुवा हाई स्कूल की बिल्डिंग ठेकेदार की मनमानी के चलते इस वर्ष भी नसीब होती नहीं दिख रही। विभागीय अफसरों की अनदेखी के कारण विद्यार्थी अव्यवस्था के बीच पढऩे को मजबूर हैं।

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जानकारी के अनुसार लोक निर्माण विभाग परियोजना क्रियान्वयन इकाई द्वारा ग्राम जगुआ में १०० लाख की प्रशासकीय स्वीकृति से पीआईयू द्वारा इस भवन का निर्माण कार्य 24 सितंबर 2016 से शुरू किया गया। ९४.३५ लाख रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति के बाद अभी तक इसका काम सिर्फ आधा ही हो पाया है भवन निर्माण कि अवधि 10 माह की थी, जो पूरी हो चुकी है। 17 महीने होने लगे है उसके बाद काम की रफ्तार धीमी है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि अभी इसके निर्माण में १७ महीने और लग सकते हैं। देख-रेख के लिए अधिकारी भी नियुक्त किए गए हैं, लेकिन वो न ठेकेदार को कुछ कहते हैं और ना ही काम की गति को बढ़ाने के लिए कोई प्रयास किए जा रहे।

वित्तीय समस्या का बहाना
बताया जा रहा है ठेकेदार सहित विभागीय अधिकारी वित्तीय समस्या होने का बनाकर अपना जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं। पीआईयू के अधिकारियों का कहना है कि समय पर बजट का आवंटन न होने की वजह से निर्माण कार्य में समय लग रहा है। राशि जारी होते ही कार्य तेजी से कराया जा रहा है।

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गुणवत्ता से भी अनदेखी
भवन निर्माण में गुणवत्ता से भी खिलवाड़ किया जा रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि तय मानक के आधार पर भवन नहीं बनवाया जा रहा है। भवन निर्माण में नाले की रेत का उपयोग किया जा रहा है, जिसमें मिट्टी की मात्रा भी अधिक है। वहीं सीमेंट, लोहा और गिट्टी के प्रयोग में मानकों का पालन नहीं हो रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि गुणवत्ताहीन मटेरियल के उपयोग होने से भवन मजबूत नहीं बन पाएगा। ग्रामीणों ने उच्चधिकारियों से भवन का निर्माण की गति प्रदान करने सहित लापरवाही पर कार्रवाई करने मांग की है।

अतिरिक्त कक्ष में पढ़ रहे बच्चे
जगुआ में हाईस्कूल भवन न होने की वजह से बच्चों का शैक्षणिक कार्य प्रभावित हो रहा है। छात्रों को भवन न होने से मध्यमिक शाला के अतिरिक्त भवन में व्यवस्था की गई है, लेकिन जगह ज्यादा न होने से बच्चों को परेशनी होती है। साथ ही शिक्षकों को भी परेशानी होती है।

इनका कहना है
स्कूल की बिल्डिंग निर्माण 10 माह में होना था, लेकिन शासन से पेमेंट क्लीयर न होने के कारण डेए़ साल से अधिक का समय होने लगा है। गुणवत्ता की भी टेस्टिंग कराई जाती है। हमारा प्रयास रहेगा की जुलाई तक काम पूरा हो जाए।
एसके यादव, संभागीय परियोजना यंत्री।