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कटनी. पंद्रह लाखा की आबादी वाला जिला, सात जिलों सहित अन्य बड़े महानगरों सहित दूसरे प्रदेशों के यात्रियों की बस स्टैंड से आना-जाना, (Inter-state bus stand) प्रियदर्शनी बस स्टैंड का छोटा सा एरिया, उसमें धमाचौकड़ी मचातीं बसें, मचता हो-हल्ला, (Transport department Katni) यात्रियों का दबाव व सुविधाओं की कमीं...। यह नजारा है शहर के बस स्टैंड का। यात्रियों और (Bus) बसों के बढ़ते दबाव के चलते ढाई साल पहले अंतरराज्जीय बस स्टैंड की घोषण हुई। लगभग दो साल का वक्त बस स्टैंड के लिए जमीन के आवंटन में बीता, लेकिन अब जमीन मिल जाने के बाद बजट का रोड़ा होने से बस स्टैंड की नींव नहीं रखी गई। बता दें कि ट्रांसपोर्ट नगर के बाजू में लगभग 20 एकड़ जमीन का आवंटन अंतरराज्जीय बस स्टैंड के लिए किया गया है, लेकिन अभी तक बस स्टैंड निर्माण के लिए काम शुरू नहीं हुआ। उल्लेखनीय है कि बस स्टैंड का निर्माण नगरीय प्रशासन विभाग को कराना है। 50 करोड़ की लागत से बस स्टैंड बनना है, घोषणा के लगभग पांच साल होने के बाद भी जिम्मेदार इस ओर अबतक कोई ध्यान नहीं दे रहे।
भोपाल में अटकी कार्रवाई
बताया जा रहा है कि नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा राशि जारी नहीं हुई। भोपाल स्तर पर कार्रवाई अटकी हुई है। रुपये न मिलने के कारण काम शुरू नहीं हो पाया। एआरटीओ के अनुसार विधायक संदीप जायसवाल की पहल पर जमीन का आवंटन तो हो गया, लेकिन आगे की कार्रवाई अटकी है। कटनी में जबलपुर की तर्ज पर अंतरराज्जीय बस स्टैंड बनना है। अभी नाली करके जमीन को सुरक्षित किया गया है, ताकि अतिक्रमण न हो।
खास-खास:
- 2014 में हुई थी अंतरराज्जीय बस स्टैंड की घोषणा।
- अप्रैल 2017 में जमीन आवंटन की प्रक्रिया हो गई है पूरी।
- पीआइयू ने निर्माण कार्य के लिए बनाया है डीपीआर।
- लगभग 300 बसों का प्रतिदिन होता है परिचालन।
- 100 से अधिक बसें शहर से होती है संचालित।
- 15 हजार से अधिक यात्री प्रतिदिन करते हैं सफर।
- कटनी से यूपी, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र की है कनेक्टिविटी।
यह होगा लोगों को फायदा
अंतरराज्जीय बस स्टैंड बन जाने से लोगों को बड़ा फायदा होगा। सुव्यस्थित बस स्टैंड मिलेगा। इसके अलावा बसों की गुणवत्ता बढ़ जाएगी। प्रतिस्पर्धा में बसें अच्छी आएंगी। ज्यादा संख्या में बसें रहेंगी तो क्षमता से अधिक सवारी कम हो जाएगी, जिससे यात्रियों को फायदा होगा। वहीं परिवहन विभाग के राजस्व में भी बढ़ोत्तरी हो जाएगी। शहर के बाहर बसें खड़ी होंगे तो प्रदूषण और धमाचौकड़ी में भी कमी आएगी।
यह हो रही बस स्टैंड में समस्या
अभी जहां से बसों का संचालन विभिन्न रूटों के लिए होता है वहां पर बस ऑपरेटर और चालक-परिचालक के साथ यात्रियों को भी सफर के लिए खासा परेशान होना पड़ता है। बस स्टैंड के भीतर ही कर्मचारी बसों की धुलाई करते हैं। कबाड़ वाहनों की कटिंग, गंदा पानी का बहाव, गंदगी गंभीर समस्या है। ऑटों के परिचालन के लिए कोई नियम नहीं बना। इससे न तो ट्रैफिक पुलिस को सरोकार है और ना ही परिवहन विभाग को। बसों के स्टैंड पर पहुुंचते ही पहले से खड़े ऑटो चालक उसके गेट के पास खड़े हो जाते है।
इनका कहना है
अंतराज्जीय बस स्टैंड निर्माण के लिए जमीन का आवंटन हुए काफी समय बीत गया है। यहां पर नगरीय प्रशासन विभाग को काम करना है। बजट न जारी होने से काम शुरू नहीं हो पाया।
एमडी मिश्रा, अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी।
अंतराज्जीय बस स्टैंड ट्रांसपोर्ट नगर के समीप प्रस्तावित हुआ है। अब यह मामला पेंडिंग में चला गया है। उसकी स्वीकृति नहीं आई है। हालांकि इसके लिए पहल की गई है, लेकिन अभी सार्थक परिणाम नहीं आए। फिर से प्रयास किए जाएंगे।
शशांक श्रीवास्ताव, महापौर।
Published on:
14 Oct 2019 11:54 am
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