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एमपी में मिला खनिजों का खजाना, माइनिंग कॉन्क्लेव में हुए 56 हजार 414 करोड़ के एमओयू

MOU- एमपी में खनिजों का खजाना है। इनका लाभ उठाने के लिए हर कंपनी और उद्योगपति बेकरार हैं।

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कटनी

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deepak deewan

Aug 23, 2025

MoUs worth 56 thousand 414 crores in MP Mining Conclave 2.0 in Katni

MoUs worth 56 thousand 414 crores in MP Mining Conclave 2.0 in Katni

MOU- एमपी में खनिजों का खजाना मिला है। इनका लाभ उठाने के लिए हर कंपनी और उद्योगपति बेकरार हैं। कटनी में आयोजित मप्र माइनिंग कॉन्क्लेव 2.0 में इसका नजारा दिखाई दिया। कॉन्क्लेव में 56 हजार 414 करोड़ के एमओयू का आदान प्रदान किया गया। अरिंदम होटल में शनिवार को आयोजित माइनिंग कॉन्क्लेव में देशभर के करीब 1500 निवेशक शामिल हुए। कार्यक्रम में सीएम डॉ. मोहन यादव ने विषय-विशेषज्ञों और निवेशकों के साथ वन टू वन चर्चा की।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव शाम करीब 4:30 बजे कटनी पहुंचे। खजुराहो सांसद वीडी शर्मा, प्रभारी मंत्री राव उदय प्रताप सिंह भी कार्यक्रम में मौजूद रहे।

खनिज संसाधन विभाग के प्रमुख सचिव उमाकांत उमराव ने कहा कि मध्यप्रदेश की धरती हीरे के साथ सोना भी उगलती है। यह देश में ऐसा इकलौता राज्य है, जहां हर तरह के खनिज उपलब्ध हैं। कॉपर में सबसे अधिक उत्पादन, लाइमस्टोन और हीरा उत्पादन में भी प्रदेश अग्रणी है। कई खनिज की उपलब्धता उच्च श्रेणी में है। प्रदेश के हर जिले में कोई न कोई खनिज जरूर मिलता है। शहडोल में कोल, बॉक्साइड है, छिंदवाड़ा में कोल और बैतूल में ग्रेफाइट है।

उन्होंने कहा कि खनिजों के दोहन के लिए आवश्यक अधोसंरचना की जरूरत है। मध्यप्रदेश में 5 लाख किलोमीटर लंबी सड़कें हैं। प्रदेश के इंस्टीट्यूट से हर साल 1 लाख बच्चे पढ़कर निकलते हैं। प्रदेश में बिजली सरप्लस है और पानी की पर्याप्त उपलब्धता है।

प्रदेश में ईंधन के लिए पेट्रोलियम और गैस के 12 ब्लॉक चिह्नित किए हैं। कोल बेस्ड मीथेन 37 प्रतिशत मध्यप्रदेश प्रोड्यूस करता है। खनन क्षेत्र के बेहतर दोहन के लिए सरकार और कंपनियों की अहम भूमिका है।

जबलपुर में गोल्ड का भंडार मिला है। ग्रेफाइट सहित 30 क्रिटिकल एलिमेंट, जिन्हें क्रिटिकल मिनरल्स कहते हैं। लीथियम और लौह अयस्क के लिए सीधी में एक बेल्ट चिह्नित की गई है।

प्रमुख सचिव औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन राघवेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश में 1 लाख एकड़ से अधिक लैंडबैंक है। यहां बिजली सरप्लस है, जिसका 20 प्रतिशत ग्रीन एनर्जी से आता है। हम 2030 तक एनर्जी बॉस्केट में 50 प्रतिशत ग्रीन एनर्जी शामिल करेंगे। प्रदेश में कुशल और सस्ती दरों पर श्रमिक उपलब्ध हैं। 5100 करोड़ से अधिक का निवेश प्रोत्साहन दिया है।

निवेशकों से किए सभी वादे पूरे करती है राज्य सरकार

राज्य सरकार निवेशकों से किए सभी वादे पूरे करती है। 4 इंडस्ट्रियल कॉरिडोर हैं, एक और नया बनेगा। कटनी में मल्टी मॉडल इंडस्ट्रियल डिपो बनाने जा रहा है। 5 हजार से अधिक स्टार्टअप काम कर रहे हैं। प्रदेश सरकार ने फरवरी में 18 नई बिजनेस फ्रेंडली पॉलिसी लागू की थी। सरकार जमीन पर ईकाई स्थापित करने पर उद्योगों को 40 प्रतिशत तक सहायता प्रदान की जा रही है।

माइनवेयर एडवायजर के एमडी कौशिक बोस ने कहा कि हमारी कंपनी मैकेनाइज माइनिंग करती है। राज्य में 450 करोड़ का निवेश प्रस्तावित है। हिन्दुस्तान कॉपर लिमिटेड के चेयरमैन संजीव कुमार सिंह ने कहा कि तांबा एक शाश्वत धातु है। भारत में तांबे के उपयोग का प्राचीन इतिहास रहा है। हमारी 12 मिलियन टन तांबा उत्पादन क्षमता में 5 टन मलजखंड खदान से आएगा। कंपनी ने 32 टन कॉपर राम मंदिर निर्माण के लिए दान दिया है।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुए कार्यक्रम में MOU का आदान प्रदान किया गया। डॉ. चंद्र शेखर सिंह एचओडी क्रिटिकल मिलरल्स, बिरांची दास डायरेक्टर एचआरएसएसईएल, फ्रैंक नोबेल ए डायरेक्टर एंड जीडीएम एमपी स्टेट माइनिंग कॉरपोरेशन और प्रमुख सचिव उमाकांत उमराव ने एमओयू का आदान-प्रदान किया।

यह समझौता दुनिया की सबसे बड़ी खनन कंपनी और राज्य खनन अन्वेषण एजेंसियों के माध्यम से मध्यप्रदेश को क्रिटिकल मिनरल्स के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों पर पहुंचाएगा।

इनके बीच भी हुए एमओयू

कार्यक्रम में राज्य शासन ने क्रिटिकल मिनरल की खोज, प्रसंस्करण और संवर्धन के लिए कोल इंडिया लिमिटेड के साथ एमओयू किया।

खनन क्षेत्र में आर्टिफियल इंटेलीजेन्स, आईओटी, ब्लॉक चेन, रिमोट सेंसिंग के उपयोग के मद्देनजर धनबाद की टेक्समिन आईएसएम के साथ भी एमओयू किया।

इसी तरह खनिज अन्वेषण अनुसंधान के लिए राज्य शासन ने भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान, भोपाल के साथ भी एमओयू साइन किए।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अन्य राज्यों के उघोगपतियों से वर्चुअल संवाद किया। उन्होंने प्रमुख रूप से राजीव मुंद्रा (कोलकाता), जेपी अग्रवाल (श्रीलंका से), विवेक भाटिया (दिल्ली), वी साईंराम (कोचीन), थॉमस चेरियन (हैदराबाद) से उनकी निवेश योजनाओं एवं अनुभव को लेकर वर्चुअल चर्चा की।

विवेक भाटिया ने कहा कि भारत में मध्यप्रदेश को बिल्कुल अलग तरह से देखा जा रहा है। सीआईआई से जुड़ी 100 से अधिक माइनिंग कंपनियां मध्यप्रदेश के खनन क्षेत्र में बड़ी संभावनाएं देख रही हैं। बीना रिफाइनरीज सहित अन्य स्थानों पर विभिन्न गतिविधियां संचालित हैं। कई अंतरराष्ट्रीय कंपनियां प्रदेश में निवेश बढ़ाना चाहती हैं।

वी साईंराम ने कहा कि हमारी कंपनी कोल इंडिया का 18 प्रतिशत कोल प्रोडक्शन कर रही है। सिंगरौली कोल प्रोडक्शन का बड़ा केंद्र है। केंद्र और राज्य सरकार की उद्योग केंद्रित नीतियों के बल पर हमें केवल 55 दिनों फॉरेस्ट क्लियरेंस मिला है।

थॉमस चेरियन ने कहा कि क्रिटिकल मिनरल्स देश के लिए महत्वपूर्ण है और मध्य प्रदेश में यह प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। आदित्य बिरला ग्रुप सरकार के साथ कार्य करने के लिए तैयार है।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि हमारे लिए तांबे का, मानवता का संबंध सोने-चांदी से कहीं अधिक है। आइए मध्यप्रदेश से जुड़िए। यहां पर्याप्त लैंड बैंक है, बिजली है। भविष्य में एयर कार्गो की सुविधा भी मिलेगी। प्रदेश में दो मेट्रोपोलिटन सिटी बना रहे हैं। कटनी में खनिज का भंडार है। अब तो क्रिटिकल और माइनर मेटल भी मिल रहे हैं। पन्ना में हीरे मिलते हैं तो कटनी में भी सोना मिल सकता है।