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यहां महिलाओं ने जानी जैविक खेती की तरकीब, प्रशिक्षण लेकर शुरू किया प्रयोग

- जैविक खेती के महत्व को न सिर्फ लोग समझ रहे हैं, बल्कि उस क्षेत्र में हाथ भी तेजी से बढ़ाने लगे हैं। खास बात यह है कि जैविक खेती में महिलाओं के कदम भी आगे बढ़े हैं। बड़ी संख्या में जिले की कृषक महिलाएं जैविक खेती का तरीका सीख रही हैं और उसे अपनाने आगे आ रही हैं। - इसी क्रम में एक बार फिर रीठी क्षेत्र की महिलाओं ने जैविक कृषि प्रशिक्षण प्राप्त किया है और जैविक खाद, जैविक कीटनाशक, जैविक दीमक नियंत्रण सहित अन्य जैविक खेती की विधि को सीखा है और अब उसे अपनाने लगी हैं। यह संभव हो पा रहा है सेवानिवृत्त जैविक कृषि विशेषज्ञ रामसुख दुबे द्वारा। - जिले में जैविक खेती की अलख जगा रहे हैं। मध्य प्रदेश ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा विकासखंड मुख्यालय रीठी में एक दिवसीय जैविक खेती प्रशिक्षण का आयोजन किया गया।

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कटनी

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Balmeek Pandey

Jul 03, 2019

Women started organic farming in katni

Women started organic farming in katni

कटनी. जैविक खेती के महत्व को न सिर्फ लोग समझ रहे हैं, बल्कि उस क्षेत्र में हाथ भी तेजी से बढ़ाने लगे हैं। खास बात यह है कि जैविक खेती में महिलाओं के कदम भी आगे बढ़े हैं। बड़ी संख्या में जिले की कृषक महिलाएं जैविक खेती का तरीका सीख रही हैं और उसे अपनाने आगे आ रही हैं। इसी क्रम में एक बार फिर रीठी क्षेत्र की महिलाओं ने जैविक कृषि प्रशिक्षण प्राप्त किया है और जैविक खाद, जैविक कीटनाशक, जैविक दीमक नियंत्रण सहित अन्य जैविक खेती की विधि को सीखा है और अब उसे अपनाने लगी हैं। यह संभव हो पा रहा है सेवानिवृत्त जैविक कृषि विशेषज्ञ रामसुख दुबे द्वारा। जिले में जैविक खेती की अलख जगा रहे हैं। मध्य प्रदेश ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा विकासखंड मुख्यालय रीठी में एक दिवसीय जैविक खेती प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। मिशन के ब्लॉक समन्वयक देवेंद्र कुमार जैन ने समूह की महिला कृषकों को कम लागत एवं अच्छी तकनीकी अपनाकर जैविक खेती करने की सलाह दी गई। इस दौरान पटौंहा, चिखला, डांग, रीठी, मोहास, कुपिया, कैना, वसुधा, जमुनिया, पाली आदि गांव की महिलाओं ने जैविक कृषि का प्रशिक्षण प्राप्त किया।

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दुबे ने दिया प्रशिक्षण
जैविक कृषि पाठशाला नैगवां के संचालक रामसुख दुबे ने जैविक खेती की आवश्यकता, गोबर और गोमूत्र का जैविक खेती में उपयोग, जैविक बीज उपचार, रोग नियंत्रण एवं कीटों की रोकथाम के लिए नीम पत्ती काढ़ा, कीटनाशक, पांच पत्ती काढा, जैविक दीमक नियंत्रण, मठा का कीटनाशक में उपयोग, केंचुआ खाद एवं जैविक खाद बनाने की विधियों को बताया गया। फसलों में उपयोग का तरीका बताया गया। प्रशिक्षण में कृष्णपाल बागरी, कल्लू प्रसाद यादव, जानकीशरण शिवहरे, मथुरा प्रसाद आदि मौजूद रहे।

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यहां भी हुआ प्रशिक्षण का आयोजन
ग्राम हरद्वारा में भी जैविक खेती का प्रशिक्षण दिया गया। जैविक कृषि पाठशाला के संचालक रामसुख दुबे द्वारा महिलाओं को जैविक खेती का प्रशिक्षण दिया गया। यशोदा बाई पति नरपत सिंह आदिवासी द्वारा महिलाओं के समूह एवं मिशन के देवेंद्र कुमार जैन एवं कृष्णपाल बागरी की उपस्थिति में जैविक खेती का प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान जैविक खाद, जैविक कीटनाशक, तथा दुधारू पशुओं को पौष्टिक आहार के लिए एजोला उत्पादन की जानकारी दी गई। इस दौरान किसानों को अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां दी गईं।